विधि ज्ञान

अगले हफ्ते 103वें संवैधानिक संशोधन की वैधता तय करने वाला सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने की संभावना

सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने पिछले माह 103 वें संवैधानिक संशोधन को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर पिछले माह फैसला सुरक्षित रखा था।

इस संशोधन से शिक्षा और सार्वजनिक रोजगार में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस) के लिए 10% आरक्षण प्रदान किया गया।

आपको बता दे कि केंद्र सरकार द्वारा जनवरी 2019 में संसद द्वारा पारित संशोधन के माध्यम से संविधान के अनुच्छेद 15 और 16 में खंड (6) को सम्मिलित करके नौकरियों और शिक्षा में आर्थिक आरक्षण प्रदान करने का प्रस्ताव किया गया था।

नव सम्मिलित अनुच्छेद 15(6) ने राज्य को शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण सहित नागरिकों के किसी भी आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की उन्नति के लिए विशेष प्रावधान करने में सक्षम बनाया।

इसमें कहा गया है कि इस तरह का आरक्षण अनुच्छेद 30 (1) के तहत आने वाले अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थानों को छोड़कर निजी संस्थानों सहित किसी भी शैक्षणिक संस्थान में किया जा सकता है,चाहे वह सहायता प्राप्त हो या गैर-सहायता प्राप्त।

ऐसे आरक्षण की ऊपरी सीमा दस प्रतिशत होगी, जो मौजूदा आरक्षण के अतिरिक्त होगी।

भारत के मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित, जस्टिस दिनेश माहेश्वरी, जस्टिस एस रवींद्र भट, जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस जेबी पारदीवाला की 5 जजों की बेंच द्वारा इस मामले की सुनवाई की गई थी जो कि सात दिनों तक चली थी ।

Shubham Tripathi

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button