
अमेठी। लोकसभा चुनाव 2024 में पराजय के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री और अमेठी की पूर्व सांसद स्मृति ईरानी सोमवार को पहली बार अमेठी पहुँचीं। यह दौरा सिर्फ़ राजनीतिक नहीं, बल्कि एक भावनात्मक पुनर्मिलन, जनसरोकार की पुनर्पुष्टि और भाजपा संगठन को पुनः सक्रिय करने की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है। इनहौना, उतेलवा, जायस, जगदीशपुर और गौरीगंज में हुए स्वागत समारोहों में ढोल-नगाड़ों, नारों और पुष्पवर्षा के साथ कार्यकर्ताओं ने यह संदेश दिया कि स्मृति ईरानी आज भी उनके लिए “दीदी” हैं।

अपना दौरा शुरू करते हुए स्मृति सबसे पहले पालपुर गाँव पहुँचीं, जहाँ रविवार को गंगा नदी में डूबकर एक ही परिवार के तीन सदस्यों—चंद्र कुमार कौशल, उनके भाई बालचंद्र और 13 वर्षीय अर्यांश—की मृत्यु हो गई थी। शोकग्रस्त परिवार से मिलते समय जब एक छोटी बच्ची फूट-फूटकर रोते हुए उनके गले लग गई, तो स्मृति की आँखें भी भर आईं। उन्होंने प्रशासन को परिवार को त्वरित आर्थिक सहायता देने का निर्देश दिया और भरोसा दिलाया कि वे हमेशा उनके साथ हैं। उन्होंने कहा, “मैं दिल्ली में थी, लेकिन दिल अमेठी में ही धड़कता रहा।”

इसके बाद वे मेदन मवई स्थित अपने आवास पहुँचीं, जहाँ फरवरी 2024 में गृह प्रवेश कर उन्होंने अमेठी से आत्मिक जुड़ाव का सार्वजनिक संकेत दिया था। लंबे अंतराल के बाद कार्यकर्ताओं से बातचीत करते हुए उन्होंने दो टूक कहा, “चुनाव आते-जाते हैं, लेकिन अमेठी मेरी आत्मा है—इससे जुदा होना मेरे लिए संभव नहीं।”


दोपहर में गौरीगंज स्थित रणंजय इंटर कॉलेज के मैदान में आयोजित अहिल्याबाई होल्कर त्रिशताब्दी संगोष्ठी में उन्होंने नारी शक्ति और सामाजिक चेतना पर केंद्रित भाषण दिया। उन्होंने कहा, “जो शक्ति अहिल्याबाई में थी, वही शक्ति अमेठी की बेटियों में है।” इस कार्यक्रम में पंचायत प्रतिनिधियों और महिलाओं की बड़ी भागीदारी दिखी।

राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि यह दौरा स्मृति ईरानी की सक्रिय राजनीति में पुनःवापसी की शुरुआत है। भाजपा जिलाध्यक्ष सुधांशु ने बताया कि दीदी का पूरा दिन कार्यकर्ताओं और आम जनता के बीच संवाद और विश्वास निर्माण में बीता। वहीं कांग्रेस के कुछ नेताओं ने दौरे को “संवेदना की राजनीति” बताया, परंतु यह भी माना कि कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा स्पष्ट देखी गई।

उधर, स्मृति ईरानी के आगमन से पूर्व यूथ कांग्रेस अध्यक्ष शुभम सिंह को पुलिस द्वारा घर में नजरबंद कर देना भी चर्चा का विषय बना रहा। शुभम ने इसे राजनीतिक प्रतिशोध बताया और एक वीडियो जारी कर कहा कि भाजपा कांग्रेस के शांतिपूर्ण विरोध से घबरा गई है।
2019 में राहुल गांधी को हराकर ऐतिहासिक विजय दर्ज करने वाली स्मृति ईरानी को 2024 में कांग्रेस प्रत्याशी किशोरी लाल शर्मा से हार का सामना करना पड़ा था। परंतु अब उनकी यह वापसी बताती है कि वे मैदान छोड़ने वाली नेता नहीं हैं।
अमेठी की राजनीति में इस दौरे को एक नई शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है, जिसमें पराजय के बाद भी प्रतिबद्धता, संवेदनशीलता और संगठन के प्रति निष्ठा की झलक स्पष्ट है।