
ब्यूरो ऋषभ तिवारी
उन्नाव।।गर्मियों की तपती धूप जब ज़मीन तवा बन जाए और आसमान आग बरसाए ऐसे में ज़रूरत होती है एक संवेदनशील सोच की जो सिर्फ इंसानों की नहीं, निरीह जीवों की भी चिंता करे। उन्नाव ज़िले की मुख्य विकास अधिकारी (CDO) कृति राज ने एक ऐसी ही प्रेरणादायक पहल की है। उनके निर्देशन में सिकन्दपुर कर्ण विकास खंड की 66 ग्राम पंचायतों में कुल 442 पक्षी फीडर लगाए गए हैं। प्रत्येक पंचायत में 5-5 सरकारी भवन चुने गए। स्कूल, आंगनवाड़ी, पंचायत भवन और गौशालाएं जहां फीडर लगाए गए हैं, ताकि इन गर्मियों में पक्षियों को भोजन और पानी दोनों मिल सके। इन फीडरों में रखा जाता है बीज, अनाज और ताज़ा पानी। साफ-सफाई का खास ध्यान रखा जाता है,ताकि संक्रमण से पक्षियों की रक्षा हो सके। गर्मियों में पक्षियों को अतिरिक्त ऊर्जा की जरूरत होती है, क्योंकि यही समय है जब वे अपने बच्चों की देखभाल कर रहे होते हैं। पक्षी फीडर उनके लिए जीवनदायिनी साबित हो सकते हैं। इस पहल ने सिर्फ पक्षियों को राहत नहीं दी,बल्कि ग्रामीणों और बच्चों को प्रकृति के प्रति एक नई संवेदनशीलता सिखाई है। ये सिर्फ सरकारी काम नहीं बल्कि एक इंसानियत की मिसाल है।उन्नाव की ये पहल बताती है कि अगर सोच संवेदनशील हो तो हर जीवन की कीमत समझी जाती है।

मुख्य विकास अधिकारी कृति राज की सराहनीय पहल
गर्मी की तपती धूप में जहां इंसानों के लिए राहत के इंतज़ाम किए जा रहे हैं, वहीं उन्नाव की मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) कृति राज ने एक सराहनीय और संवेदनशील पहल करते हुए पक्षियों की भलाई के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। सीडीओ के निर्देश पर सिकन्दपुर कर्ण विकास खंड की सभी 66 ग्राम पंचायतों में कुल 442 पक्षी फीडर लगाए गए हैं, जिससे इन निरीह जीवों को राहत मिल सके।
अब पक्षियों को मिलेगी गर्मियों में भोजन, पानी की सुविधा।
विकास खंड स्तरीय इस अभियान के अंतर्गत प्रत्येक ग्राम पंचायत के 5 सरकारी भवनों को चयनित किया गया, जिनमें स्कूल, पंचायत भवन, आंगनवाड़ी केंद्र, गौशालाएं और अन्य सार्वजनिक स्थल शामिल हैं। कुल मिलाकर 330 सरकारी भवनों पर पक्षी फीडर स्थापित किए गए हैं, जिससे पक्षियों को गर्मियों में आवश्यक भोजन और पानी की सुविधा मिल सके।
फीडरों में बीज, अनाज, पानी रहेगा- जिससे पक्षियों को पोषण,ऊर्जा दोनों मिल सके
सीडीओ कृति राज ने बताया कि गर्मियों में पक्षियों को अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है, खासकर उस समय जब वे अपने बच्चों की देखभाल कर रहे होते हैं। इस मौसम में प्राकृतिक जल स्रोत और भोजन की उपलब्धता कम हो जाती है, जिससे पक्षियों को जीवित रहना चुनौतीपूर्ण हो जाता है। ऐसे में पक्षी फीडर उनके लिए जीवनदायी साबित हो सकते हैं। इन फीडरों में बीज, अनाज, पानी जैसी चीजें रखी जाती हैं, जिससे पक्षियों को पोषण और ऊर्जा दोनों मिल सके। साथ ही फीडरों की नियमित सफाई का भी विशेष ध्यान रखा जा रहा है ताकि संक्रमण या बीमारियों का खतरा न हो। प्रशासन ने ग्राम प्रधानों और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को इसके लिए जिम्मेदार बनाया है कि वे फीडरों को समय-समय पर भरते रहें और उनकी देखभाल सुनिश्चित करें।
भोजन, पानी की कमी से पक्षियों में हीट स्ट्रोक का बढ़ता है खतरा- CDO
सीडीओ ने यह भी बताया कि भोजन और पानी की कमी से पक्षियों में हीट स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। गर्मी में उनका शरीर अत्यधिक गर्म हो जाता है, जिससे उनकी मृत्यु तक हो सकती है। यह पहल न केवल पक्षियों की सुरक्षा में मददगार है, बल्कि बच्चों और ग्रामीणों को भी पर्यावरण संरक्षण और जीव-जंतुओं के प्रति संवेदनशील बनने की प्रेरणा देती है।
ग्रामीणों ने सीडीओ की इस पहल की सराहना की…
स्थानीय ग्रामीणों ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह कार्य केवल प्रशासनिक आदेश नहीं बल्कि एक मानवीय सोच का उदाहरण है। इस अभियान से न केवल पक्षियों को राहत मिलेगी, बल्कि समुदाय में प्रकृति के प्रति जिम्मेदारी की भावना भी जागृत होगी।