
गोरखपुर। उत्तर प्रदेश के जलशक्ति मंत्री एवं जनपद गोरखपुर के प्रभारी मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने लखनऊ-गोरखपुर रेलमार्ग पर डोमिनगढ़ एवं गोरखपुर जंक्शन रेलवे स्टेशन के मध्य क्रॉसिंग संख्या 162-A पर निर्माणाधीन 2 लेन रेल उपरगामी सेतु (ROB) का स्थलीय निरीक्षण किया। यह सेतु गोरखनाथ मंदिर के समीप स्थित है और इसके पूर्ण होने से शहरवासियों को जाम की समस्या से राहत मिलने की उम्मीद है। निरीक्षण के दौरान मंत्री जी ने सेतु निर्माण में संलग्न अधिकारियों एवं कार्यदायी संस्था के इंजीनियरों से विस्तृत जानकारी प्राप्त की और स्पष्ट निर्देश दिए कि निर्धारित समयसीमा में गुणवत्ता के साथ कार्य पूर्ण किया जाए.
स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि यह रेल उपरगामी सेतु गोरखपुर शहर के यातायात दबाव को कम करने में अहम भूमिका निभाएगा। डोमिनगढ़ और गोरखपुर जंक्शन के बीच यह क्रॉसिंग वर्षों से जाम और अव्यवस्था का कारण बनी हुई थी। ट्रेनों की लगातार आवाजाही के चलते इस क्रॉसिंग पर घंटों तक लोगों को रुकना पड़ता है। इस सेतु के निर्माण से अब आमजन को राहत मिलेगी। मंत्री ने अधिकारियों को यह भी निर्देशित किया कि मानसून से पूर्व संरचनात्मक कार्य पूरे कर लिए जाएं ताकि किसी प्रकार की बाधा न उत्पन्न हो.
उन्होने कहा कि “मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में बुनियादी ढांचे का विकास तीव्र गति से हो रहा है। हमारी सरकार का स्पष्ट लक्ष्य है -जनता को परेशानी से मुक्ति और विकास को गति।” रेल उपरगामी सेतु की लंबाई लगभग 615 मीटर और चौड़ाई 2 लेन (प्रत्येक दिशा में 7 मीटर) है। इसके निर्माण में आधुनिक तकनीकों का प्रयोग हो रहा है, जिसमें प्री-फैब्रिकेटेड गार्डर, RCC पियर और पीयर कैप तकनीक शामिल है।
निरीक्षण के बाद स्वतंत्र देव सिंह ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों और क्षेत्रवासियों से संवाद किया। लोगों ने सेतु निर्माण की गति पर संतोष जताया और सरकार का आभार व्यक्त किया। मंत्री ने सभी को आश्वस्त किया कि “सरकार आपकी हर ज़रूरत और सुविधा को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है।” उन्होंने यह भी कहा कि गोरखपुर जैसे तेजी से विकसित हो रहे शहर को बेहतर कनेक्टिविटी और यातायात सुविधा देना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है। आने वाले समय में शहर में और भी कई फ्लाईओवर, अंडरपास और स्मार्ट सड़क परियोजनाएं प्रारंभ की जाएंगी। श्री स्वतंत्र देव सिंह ने कार्यदायी संस्था और प्रशासनिक अधिकारियों को स्पष्ट शब्दों में कहा कि कार्य की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होगा। निर्माण सामग्री की नियमित जांच हो, और किसी भी प्रकार की लापरवाही पाए जाने पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में विकास कार्यों की गति को डिजिटल मॉनिटरिंग, थर्ड पार्टी ऑडिट, और जन सहभागिता से पारदर्शी एवं उत्तरदायी बनाया जा रहा है। बता दें कि गोरखपुरवासियों के लिए यह रेल उपरगामी सेतु न केवल एक संरचना है, बल्कि यह सरकार की प्रतिबद्धता और जनहित की भावना का प्रतीक भी है। इस सेतु के बन जाने से लाखों नागरिकों को प्रतिदिन यातायात में लगने वाले समय से मुक्ति मिलेगी, और शहर की आर्थिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक गतिशीलता को नई दिशा प्राप्त होगी।