
जिला संवाददाता देवेंद्र तिवारी
उन्नाव।।गंगाघाट थाने के पोनी ग्राम में भूमि की बड़ी हेरा फेरी में दो अभियुक्त गिरफ्तार – 3 अभी भी पुलिस की गिरफ्त से दूर।एसपी के आदेश पर सीओ सिटी की जाँच के बाद 420,467,468,471 एवं 506 की धाराओं में मामला दर्ज हुआ था।अभियुक्तों के खिलाफ सरकारी जमीन कब्जानेे के खिलाफ कार्रवाई करते हुए धारा 441 भारतीय दंड संहिता व धारा 91 भू- राजस्व अधिनियम की धाराएं बढ़ाई गई थी।
बता दें गंगाघाट पुलिस ने FIR के लगभग 1 महीने बाद शिवम पांडे व अखिलेश पांडे पुत्र राजकुमार पांडे को आज दिन में गिरफ्तार कर लिया ! 3 आभियुक्त अभी भी पुलिस से दूर है ! कीमती जमीनों की खरीद-फरोख्त की अर्से से ग्राम पोनी थाना गंगाघाट में चली आ रही हेराफेरी की शिकायतों का एक नया मामला थाना गंगाघाट में सामने आया था जहां जमीन की रजिस्ट्री करने के बाद उसी भूमि को विक्रेता ने जालसाजी करते हुए दुबारा अपने बेटे को रजिस्टर्ड गिफ्ट डीड कर दी। ग्राम पोनी स्थित भूमि संख्या 186 का वर्ष 1997 में राजकुमार पांडेय ने निर्मल कुमार को रजिस्टर्ड बिक्री की थी। दो बार निर्मल कुमार ने इसी जमीन का रजिस्टर्ड एग्रीमेंट किया। जिसमें राजकुमार पांडेय खुद गवाह भी थे। किन्तु प्रदेश की योगी सरकार की नीतियों का दुरुपयोग करते हुए आरोपित शिवम पांडेय व राजकुमार पांडेय ने आपस में वर्ष 2022 में लगभग पचास लाख रुपये के स्टाम्प की चोरी करते हुए रजिस्टर्ड गिफ्ट डीड की।
जिसकी शिकायत मिलने पर पुलिस अधीक्षक ने सीओ सिटी से जांच कराकर मामले को गंभीरता से लेते हुए अभियुक्तों राजकुमार पांडेय, शिवम पांडेय, अखिलेश पांडेय, निर्मल कुमार व वीना देवी पर 420, 467, 468 ,471 व 506 में गंगाघाट थाने में एफआईआर दर्ज कराई। अभियुक्तों के खिलाफ ग्राम पोनी में सरकारी जमीन की कब्जेदारी की लगातार शिकायत मिल रही थी जिसकी जांच एसडीएम सदर एवं सदर तहसीलदार ने अपने-अपने स्तर पर जांच कराई। जिसमें अभियुक्तों को ग्राम समाज की कई जमीनों पर कब्जा करने का दोषी पाया। जिस पर एसडीएम सदर ने अभियुक्तों राजकुमार पांडेय,शिवम पांडेय एवं अखिलेश पांडेय पर कार्रवाई करते हुए अभियुक्तों पर धारा 441, भारतीय दंड संहिता व धारा 91 भू-राजस्व अधिनियम की धाराएं पुलिस अधीक्षक की संस्तुति पर की गई एफआईआर में उक्त धाराएं भी बढ़वाई।उपरोक्त अभियुक्तों द्वारा माननीय उच्च न्यायालय लखनऊ में प्र. अ. सं. 21 वर्ष 2025 को रद्द करने व गिरफ्तारी से बचने हेतु रिट संख्या 829 दाखिल की थी। जिसे उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया। राजकुमार पांडेय दत्तक पुत्र गंगादुलारी ने कानून की आंख में मिर्च झोंककर गलत वरासत कराकर अपने जैविक पिता की संपत्ति पर भी अपना नाम अंकित कराकर लाखों की जमीन बिक्री कर दी। जिसकी भी जांच सदर तहसील में हो रही है। उपरोक्त अभियुक्तों ने गांव के कई ग्रामीणों की जमीन पर कब्जा कर उन्हें फर्जी मुकदमें में फंसवाकर उन्हें जेल भी भिजवाया है सीधे सादे ग्रामीणों पर फर्जी मुकदमें लगवाने व जान से मारने की धमकी देकर उनकी जमीन पर जबरिया कब्जा कर लेते हैं। शिकायत करने पर उल्टा निरीह ग्रामीणों के खिलाफ ही अभियुक्त कार्रवाई करा देते हैं। सबसे ताज्जुब की बात तो यह है कि गंगाघाट थाने की पुलिस को उक्त मामले की जानकारी होने के बाद भी दोषियों को गिरफ्तार करने से गुरेज कर रही है। जिससे अभियुक्तों केे हौंसले काफी बुलंद हैं। एक ओर पुलिस अधीक्षक अपराधियों पर शिकंजा कस रहे हैं तो दूसरी ओर गंगाघाट पुलिस अभी भी सभी अभियुक्तों को गिरफ्तार नहीं कर पाई है। बीना , निर्मल व अभियुक्त राजकुमार अभी भी गिरफ्तार नहीं किए जा सके है जिससे ग्रामीणों में भय व्याप्त एवं निराश हैं।