
नगर संवाददाता सचिन पाण्डेय
उन्नाव। जब राकेश की आंखों की पट्टी खुली तो उनके बगल के बेड पर भर्ती महिला ने पानी मांगा। महिला की आवाज़ सुनकर राकेश चौंक गए। पास जाकर देखा तो वह महिला कोई नहीं बल्कि, गुमशुदा पत्नी निकली। यह देख पति राकेश भावुक हो गए और उनकी आंखों से आंसू बह निकले। लेकिन सिर पर चोट पर चोट लगने की वजह से पत्नी कुछ बता नहीं पाई और न ही पति को पहचान पाई। मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद अस्पताल में भर्ती एक मरीज ने अपनी आंखें खोलीं तो उसके बगल वाले बेड पर 22 दिनों से लापता पत्नी भर्ती मिली। यह देख पति की आंखों में आंसू आ गए। लेकिन महिला अपने पति को पहचान नहीं सकी। क्योंकि सिर में गंभीर चोट आने से उसकी याददाश्त चली गई थी। अब पति अस्पताल में पत्नी की सेवा करता है, इसके चलते महिला की याददाश्त लौटने लगी है। उत्तर प्रदेश के उन्नाव का यह मामला है। शहर के केवटा तालाब बस्ती निवासी राकेश कुमार (50) की पत्नी शांति देवी (42) बीती 13 जनवरी को घर से अचानक गायब हो गई थीं। पति ने उनको उन्नाव से लेकर कानपुर, लखनऊ, कन्नौज तक तलाशा. लेकिन वह नहीं मिलीं। थक-हारकर पति ने 16 जनवरी को थाने में गुमशुदगी दर्ज करवाई। बता दे कि राकेश वेल्डिंग का काम करते हैं। पत्नी शांति के आलावा उनके घर में और कोई नहीं है। पत्नी के न मिलने पर वह तब से न तो काम पर गए और घर गए। वह अपने दोस्त के यहां ही रहने लगे। इसी बीच, आंखों में दिक्कत आने पर राकेश ने 6 फरवरी को अस्पताल में चेकअप कराया तो डॉक्टरों ने उनको ऑपरेशन कराने की सलाह दी। 7 फरवरी को मोतियाबिंद ऑपरेशन के बाद राकेश को डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया। जब राकेश की आंखों की पट्टी खुली तो उनके बगल के बेड पर भर्ती एक महिला मरीज ने पानी मांगा। महिला की आवाज़ सुनकर राकेश चौंक गए। पास जाकर देखा तो वह महिला कोई नहीं बल्कि, गुमशुदा पत्नी निकली। यह देख पति राकेश भावुक हो गए और उनकी आंखों से आंसू ब निकले। लेकिन सिर पर चोट पर चोट लगने की वजह से पत्नी कुछ बता नहीं पाई और न ही पति को पहचान पाई।