अमेठी।।अपर जिला मजिस्ट्रेट (वि/रा) अर्पित गुप्ता ने घोषणा की है कि जिले में छठ पूजा, गुरु नानक जयंती, वीरांगना ऊदा देवी शहीद दिवस, गुरु तेगबहादुर शहीद दिवस, चौधरी चरण सिंह जयंती और क्रिसमस समेत अन्य पर्वों के कारण शांति व्यवस्था बनाए रखने हेतु जनपद में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा-163 के तहत सख्त प्रतिबंध लागू किया गया है। यह आदेश 06 नवंबर 2024 से प्रभावी होकर 03 जनवरी 2025 तक जिले की सीमाओं में लागू रहेगा। इसमें जिले में प्रवेश करने वाले सभी नागरिकों पर यह नियम लागू रहेगा, और आदेश का उल्लंघन करने पर भारतीय दंड संहिता की धारा 223 के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी।
अपर जिला मजिस्ट्रेट ने स्पष्ट किया कि पर्वों और त्योहारों के दौरान कानून-व्यवस्था को बनाए रखने के लिए उच्चतम सतर्कता बरती जाएगी। बिना प्रशासनिक अनुमति के कोई जुलूस नहीं निकाला जा सकेगा, और सार्वजनिक स्थानों पर पाँच से अधिक व्यक्ति एकत्र नहीं होंगे। किसी भी प्रकार का धार्मिक या सामाजिक उत्तेजना फैलाने वाला भाषण या सामग्री वितरण पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा। किसी प्रकार के सामाजिक वैमनस्य को फैलाने वाले कृत्य, जुलूस या उत्तेजक व्यवहार के लिए भी कठोर प्रावधान किए गए हैं।
धार्मिक और सांस्कृतिक स्थलों के नियम: किसी भी धार्मिक स्थल जैसे मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा या चर्च में लाउडस्पीकर की ध्वनि उस स्थल की सीमा तक सीमित रहेगी। डीजे और लाउडस्पीकर का प्रयोग 80 डेसीबल से अधिक ध्वनि पर नहीं किया जा सकेगा और रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक इनके प्रयोग पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा। इसके उल्लंघन पर कार्यवाही की जाएगी, जो दंडनीय अपराध की श्रेणी में आएगा।
परीक्षाओं में विशेष सतर्कता: जिले में आयोजित होने वाली विभिन्न परीक्षाओं में परीक्षार्थियों और परीक्षा केंद्रों की सुरक्षा को देखते हुए आदेशित किया गया है कि परीक्षा परिसरों में मोबाइल फोन, इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स, गाइड बुक्स और प्रश्न पत्रों का किसी भी प्रकार से प्रयोग पूर्णतः वर्जित रहेगा। परीक्षा केंद्रों के 200 गज की परिधि में किसी भी प्रकार की अनुचित गतिविधि पर पाबंदी रहेगी। परीक्षा केंद्र के आस-पास 100 मीटर के दायरे में फोटो कॉपियर की दुकानें खुली नहीं रहेंगी।
सामाजिक समरसता और सामाजिक शांति बनाए रखने के लिए प्रतिबंध: किसी भी सार्वजनिक स्थल पर हथियारों का प्रदर्शन, ईंट-पत्थरों का संग्रहण और समाज विरोधी तत्वों का जमावड़ा पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा। तेज धार वाले शस्त्र, लाठी, डंडा (सिख धर्म में प्रयुक्त कृपाण को छोड़कर), आग्नेय शस्त्र, ज्वलनशील पदार्थ लेकर सार्वजनिक स्थल पर नहीं घूम सकेंगे। ये नियम पुलिसकर्मियों और अर्द्धसैनिक बल के जवानों पर लागू नहीं होंगे।
शांति भंग करने वाले कृत्यों पर प्रतिबंध: सोशल मीडिया पर ग्रुप एडमिन्स को जिम्मेदारी सौंपी गई है कि कोई भी भड़काऊ पोस्ट ग्रुप में नहीं डाली जाए। यदि कोई व्यक्ति ऐसा करता है, तो उसे तत्काल हटाया जाएगा और पुलिस को इसकी सूचना दी जाएगी। जिले की सीमा में किसी भी सार्वजनिक स्थान पर पुतला दहन और नशे में अश्लील शब्दों का प्रयोग करना, खतरनाक तरीके से वाहन चलाना, राहगीरों और दुकानदारों से जबरन चंदा मांगना पूर्णतः वर्जित रहेगा।
साइबर कैफे संचालन में कड़ी निगरानी: किसी भी साइबर कैफे के संचालक को अनजान व्यक्ति को प्रमाणित पहचान पत्र के बिना सेवा देने की अनुमति नहीं होगी। इसके साथ ही प्रत्येक आगंतुक का नाम, पता, दूरभाष नंबर और पहचान पत्र का विवरण रजिस्टर में दर्ज किया जाएगा।
लागू प्रावधानों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने के निर्देश: अपर जिला मजिस्ट्रेट ने जिले के प्रभारी निरीक्षकों और थाना अध्यक्षों को आदेशित किया है कि अपने क्षेत्रों में लाउडस्पीकर के माध्यम से इन आदेशों का व्यापक प्रचार-प्रसार करें। प्रमुख सार्वजनिक स्थानों, तहसील और कलेक्ट्रेट के नोटिस बोर्ड पर आदेश की प्रतियां चस्पा की जाएंगी।
इस प्रकार की सख्ती से आगामी पर्वों, त्योहारों और परीक्षाओं के दौरान किसी प्रकार की अप्रिय स्थिति उत्पन्न होने से रोका जा सकेगा और जिले में कानून व्यवस्था बनी रहेगी।