अमेठी।।मंगलवार को विभिन्न सामाजिक संगठनों ने मिलकर एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए जिलाधिकारी अमेठी के प्रतिनिधि, एसडीएम दिग्विजय कुमार सिंह को एक ज्ञापन सौंपा। इस ज्ञापन में क्षत्रिय राजपुत्र संगठन भारतवर्ष के राष्ट्रीय अध्यक्ष राणा विजय भारशिव क्षत्रिय सूर्यवंशी, संतलाल भारद्वाज (अंबेडकर नगर), राजभर एकता कल्याण समिति के पवन कुमार राजभर, भारशिव क्षत्रिय फाउंडेशन के राष्ट्रीय सलाहकार रामचंद्र राव राजभर (इतिहासकार, गोरखपुर) और सुहेलदेव पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतलाल राजभर (आज़मगढ़) समेत अनेक प्रमुख समाजिक नेता शामिल थे।
ज्ञापन में विशेष रूप से जगदीशपुर के विधायक सुरेश पासी द्वारा सरकारी धन से लगाए गए विवादित बोर्ड पर महाराजा सुहेलदेव पासी के नाम के स्थान पर ‘राजभर’ शब्द को समाहित करने की मांग की गई। समाज के नेताओं ने बताया कि चक्रवर्ती सम्राट सुहेल देव और महाराजा विजली देव जी नाग भारशिव क्षत्रिय राजभर राजवंश के 11वीं शताब्दी के राष्ट्र नायक थे, और इनकी ऐतिहासिक धरोहर को बनाए रखना आवश्यक है।
सामाजिक संगठनों ने जोर देकर कहा कि इन महान विभूतियों के नाम में किसी प्रकार का परिवर्तन, खासकर ‘पासी’ शब्द के समावेश, उनके गौरवमयी इतिहास और उनकी विरासत का अपमान है। उन्होंने यह भी अनुरोध किया कि निहालगढ़ रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर बिजली पासी के नाम पर रखा जाए, जो पूरी तरह से अस्वीकार्य है।
ज्ञापन में एक स्पष्ट चेतावनी दी गई कि यदि उनकी मांगों का सम्मान नहीं किया गया, तो राजभर क्षत्रिय समाज मजबूर होकर सड़कों पर उतरकर आंदोलन करने के लिए बाध्य होगा। इस प्रकार की स्थिति से बचने के लिए समाज के नेताओं ने प्रशासन से उचित कदम उठाने की अपील की, ताकि समाज में शांति और सद्भाव बना रहे।
समाज के इस महत्वपूर्ण निर्णय ने यह स्पष्ट कर दिया है कि राजभर समाज अपनी ऐतिहासिक धरोहर के प्रति जागरूक है और इसे संरक्षित करने के लिए हर संभव प्रयास करेगा।