कानपुर। घर और कार को धूम्रपान मुक्त रखें यदि धूमपान छोड़ना संभव न हो तो दूसरों को सेकंड हैंड धुआ से पूरी तरह से बचने का एकमात्र तरीका धूम्रपान मुक्त स्कूल,घर व कार है कोटपा ला 2003 यह बताता है कि अब स्कूलों के 100 मीटर के दायरे में किसी भी प्रकार के तंबाकू और उससे संबंधित उत्पाद नहीं बेचे जा सकते हैं और बेचने वाले पर रोज चालान तक किया जा सकता है उपरोक्त बात सोसाइटी योग ज्योति इंडिया के तत्वाधान में टोबैको फ्री स्कूल कैंपेन के तहत कोटपा ला 2003 को लागू कर बच्चों को जागरूक करने के संबंध में वृहद सेंसटाइजेशन कार्यक्रम आयोजित करने हेतु बेसिक शिक्षा अधिकारी सुरजीत कुमार सिंह से जागरूक वार्ता में अंतर्राष्ट्रीय नशा मुक्ति अभियान के प्रमुख योग गुरू ज्योति बाबा ने कही, ज्योति बाबा ने कहा कि शहर का बचपन नशे की आगोश में होगा तो विकसित कानपुर के संकल्प को कैसे साकार कर पाएंगे जबकि सांसद जी जनता से यह प्रतिबद्धता व्यक्त कर रहे हैं कि हम कानपुर को विकसित कानपुर बनाएंगे, चीफ प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर पियूष रंजन मिश्रा ने बताया कि पूरे शहर के हर बच्चे को नशा मुक्ति अभियान से जोड़कर प्रदूषण कुपोषण बाल बंधवा मजदूरी व हिंसा से मुक्ति हेतु ठोस प्रहार करेंगे, क्योंकि प्रधानमंत्री जी ने जो 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प लिया है उसकी पहली सीढ़ी नशा मुक्ति बचपन ही है। एंटी टोबैको एक्टिविस्ट टिंकू वाल्मीकि ने कहा कि बच्चों को क्रिएटिव एक्टिविटी में शामिल कर हम नशा मुक्त भारत संकल्प को सफल बनाएंगे। इस अवसर पर अपने संबोधन में बेसिक शिक्षा अधिकारी सुरजीत कुमार सिंह ने कहा कि अब समय आ गया है जब बच्चों को नशे के रोग से बचाकर परिवार और समाजोपयोगी बनाया जाए और पिछले 35 वर्षों से नशा मुक्ति के लिए प्रयासरत ज्योति बाबा की यह अहम मुहिम को हर स्तर पर माध्यमिक शिक्षा विभाग सहयोग कर गर्व का अनुभव करेगी, क्योंकि मुंह व गले के कैंसर का सबसे बड़ा कारण तंबाकू और सिगरेट का सेवन है, इसीलिए टोबैको फ्री स्कूल कैंपेन बहुत जरूरी है। इस अवसर पर बेसिक शिक्षा अधिकारी सुरजीत कुमार सिंह जी को पूर्व में नशा मुक्ति अभियान को बेहतर तरीके से चलाने के लिए ज्योति बाबा एवं पियूष रंजन मिश्रा जी ने संयुक्त रूप से पूरी टीम के साथ अंगवस्त्र पहनाकर सम्मानित भी किया । जागरूकवार्ता में अन्य प्रमुख हेल्थ एक्टिविस्ट गीता पाल, टिंकू वाल्मीकि, अमित सिंह, यशस्वी बाजपेई वैष्णवी इति इत्यादि थी