देवेंद्र तिवारी
उन्नाव।।जहाँ एक ओर मुख्यमंत्री का निर्बाध रुप से बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करने पर बल दिया जा रहा है वहीं अधिकारी बडे़ मनोयोग से बेतहाशा विद्युत कटौती करने में व्यस्त है ।
मुख्यमंत्री को ठेंगा दिखा रहे विद्युत विभागीय अधिकारअधिकारियों में नही है किसी तरह का खौफ। आम जनमानस को ऐसी भीषण गर्मी में मरने पर मजबूर कर रहे अधिकारी।ग्रामीण क्षेत्रों में 4 से 5 घंटे अगर बिजली आती फिर भी जनता ये समझ कर संतोष करती हैं कि बहुत आ गयी। कभी रोस्टिंग , कभी फाल्ट, कभी तार टूटना तो कभी पोल गिरना ऐसे बहानों का अंबार है विभाग के पास
अगर बात करें सफीपुर फीडर की तो उसकी हालत तो बद से बदतर है इस समय। 24 घंटे में सिर्फ 4 से 5 घंटे आती है वह भी रुक रुक कर हर 15 मिनट में 3-4 मिनट का आराम। वो भी लो वोल्टेज।उस पर कोई अधिकारी फोन उठाने की भी जहमत नहीं करता।अधिकांश तो बन्द ही रहते हैं कैसी बिडम्बना है कि एक तरफ मोदी और योगी जैसे ईमानदार कर्मठ जुनूनी तौर पर भारत को विश्व गुरु बनाने में दिन रात एक करे जा रहे हैं वही विभागीय अधिकारी उनकी उम्मीदों पर पानी फेरने में कोई कसर नही छोड़ रहे हैं । पूरे जिले में बिजली को लेकर त्राहि त्राहि मची है।
क्या विभागीय अधिकारियों का मंसूबा कुछ और है अगर इस पर सरकार की आंख नही खुलती है तो वही हाल होगा
अब पछताए होत का,जब चिड़िया चुग गयी खेत
इसलिए सरकार को इस ओर कठोर कदम उठा कर बिजली व्यवस्था को सुधारने का कार्य करना चाहिए। अन्यथा 2027 प्रभावित हुए बिना नही रह सकता। अब देखना है कि इस मुहिम में अधिकारियों की जीत होगी या सरकार की।