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Covid Vaccination: बूस्टर खुराक हर देश में मुफ्त तो 18 साल से ऊपर के लोगों के लिए क्यों नहीं, रणदीप सुरजेवाला का केंद्र सरकार से सवाल

नई दिल्ली: कांग्रेस ने 18 वर्ष से अधिक आयु के लोगों के लिए कोविड-19 टीके (Covid-19 Vaccination) की बूस्टर खुराक (Booster Dose For 18 Plus) की उपलब्धता की घोषणा के बाद शुक्रवार को आरोप लगाया कि पैसे दो और टीका लगवाओ की नीति जनता के साथ छल हैं क्योंकि लोग पहले से ही महंगाई के बोझ से परेशान हैं। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला (Randeep Surjewala) ने यह कहा कि सरकार की यह नीति गरीबों और अमीरों तथा गांवों एवं शहरों के बीच भेदभाव करने वाली है।

सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, ‘‘कोविड 19 के खिलाफ हमारे नागरिकों की सुरक्षा करने में सुनियोजित भेदभाव और अकल्पनीय मूर्खता जारी है। बूस्टर खुराक की नीति असमानता और गरीबों एवं अमीरों तथा शहर एवं गांव के बीच की असमानता एवं अलगाव पर आधारित है। यह विशुद्ध रूप से छल है।’’

’18 साल से ऊपर के लोगों को क्यों देने होंगे टीके के पैसे’
रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘‘देश के युवा, गरीब, वंचित, मध्यमवर्ग, नौकरीपेशा लोगों को कोरोना के बूस्टर डोज लगवाने के लिए पैसे दो और टीका लगवाओ की भेदभावपूर्ण नीति के बारे में मोदी सरकार को सवालों का जबाब भी देना होगा और इस नीति में बदलाव भी करना होगा।’’ उन्होंने सवाल किया, ‘‘18 से 60 साल के उम्र के भारतीय नागरिकों को बूस्टर खुराक लेने के लिए पैसे का भुगतान क्यों करना चाहिए, जबकि यह हर देश में मुफ्त है?’’

कांग्रेस नेता ने यह भी पूछा, ‘‘गरीब, वंचित और कर्म वेतन पाने वाला वर्ग कैसे 800-600 रुपये का बूस्टर डोज और 200 रुपये के इंजेक्शन का खर्च कैसे वहन कर पाएगा। क्या आप दो वर्ग बना रहे हैं- एक जो किसी भी तरह खर्च उठा ले और दूसरा यह नहीं कर सके?’’

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आम लोगों, मध्य वर्ग और वेतनभोगी वर्ग पर अतिरिक्त बोझ क्यों
सुरजेवाला ने सवाल किया, ‘‘आम लोगों, मध्य वर्ग और वेतनभोगी वर्ग पर अतिरिक्त बोझ क्यों डाला जाए जब वे पहले से ही पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस, सीएनजी, दवाओं और सब्जियों के दाम बढ़ने (Inflation Rate In India) से परेशान हैं?’’उन्होंने यह भी प्रश्न किया, ‘‘सिर्फ निजी अस्पतालों के माध्यम से बूस्टर खुराक क्यों दी जाएगी, सरकारी अस्पतालों को इससे अलग क्यों रखा गया? क्या यह सही नहीं है कि ग्रामीण इलाकों और देश के कुछ अन्य हिस्सों में बहुत कम निजी अस्पताल हैं? क्या आप यह कहना चाहते हैं कि ग्रामीण आबादी को बूस्टर खुराक देने के बारे में आपको कोई परवाह नहीं है?’’

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Kisanmailnews

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