स्टांप एवं पंजीयन मंत्री रविंद्र जायसवाल ने बताया कि परिवार के सदस्यों के बीच संपत्ति बंटवारे की प्रक्रिया को सरल व निर्विवाद बनाने के लिए कैबिनेट में यह प्रस्ताव लाया गया है।
सरकार का मानना है कि परिवार का मुखिया अपने जीवनकाल में ही भाई, पुत्री, बहन, पिता, बहू, पुत्र, पौत्री या आर्थिक व शारीरिक रूप से कमजोर सदस्यों को पारिवारिक संपत्ति दान करना या उसका बंटवारा चाहता है, लेकिन स्टांप शुल्क अधिक होने की वजह से रजिस्ट्री से परहेज करता है।
उत्तर प्रदेश में संपत्ति हस्तांतरण पर शहर में सर्किल रेट का 5 प्रतिशत स्टांप ड्यूटी, दो प्रतिशत विकास शुल्क तथा एक प्रतिशत निबंधन शुल्क लिया जाता है। जबकि दस लाख रुपये तक मूल्य की संपत्ति के हस्तांतरण पर महिलाओं को एक प्रतिशत स्टांप ड्यूटी में छूट मिलती है। ग्रामीण क्षेत्रों में यह स्टांप ड्यूटी 5 प्रतिशत है और विकास शुल्क नहीं लगता है। इसके अलावा भी परिवार के सदस्यों के बीच संपत्ति का लेन-देन होता है, जिसमें वास्तव में तो रकम अदा नहीं की जाती है पर नियमानुसार स्टांप शुल्क अदा करना पड़ता यह वास्तव में परिवार के एक सदस्य द्वारा दूसरे सदस्य को दिया जाने वाला दान या गिफ्ट होता है। इस पर स्टांप शुल्क नहीं लगना चाहिए। इसी के मद्देनजर पारिवारिक अचल संपत्ति बंटवारे के दान विलेख पर स्टांप शुल्क में छूट को कैबिनेट की मंजूरी दे दी गई है।