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अपर जिला जज ने किया जिला कारागार का निरीक्षण,बंदियों को दी विधिक अधिकारों की जानकारी

उन्नाव।।उ०प्र० राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ की कार्ययोजना वर्ष 2023-2024 के क्रियान्वन के क्रम में कार्यालय जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, उन्नाव की न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, उन्नाव प्रतिमा श्रीवास्तव के दिशा निर्देश में दिनांक 18.03.2024 को जिला कारागार, उन्नाव का निरीक्षण मनीष निगम अपर जिला जज/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण उन्नाव के द्वारा सम्पन्न किया गया। उक्त कार्यक्रम में असिस्टेंट लीगल ऐड डिफेन्स काउन्सिल कार्तिक सिंह व अंशु सिंह, डिप्टी जेलर प्रभाकान्त पाण्डेय व अन्य कर्मचारीगण उपस्थित रहे|

सचिव महोदय द्वारा जिला कारागार उन्नाव में निरूद्ध पुरुष व महिला बन्दियों को उनके विधिक अधिकारों की जानकारी दी गई तथा बंदियों को नि:शुल्क विधिक सहायता प्राप्त किए जाने के संबंध में विस्तृत जानकारी दी तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यों एवं उद्देश्य को बताया। उन्होंने कहा कि जिस किसी भी बंदी को अपने मुकदमें की पैरवी हेतु अधिवक्ता उपलब्ध न हो या वे प्राइवेट अधिवक्ता रखने में असमर्थ हो, उन्हें जिला प्राधिकरण द्वारा नि:शुल्क अधिवक्ता की सुविधा उपलब्ध कराई जा सकती है। इसके लिए उन्हें अधीक्षक के माध्यम से अपना प्रार्थना-पत्र जिला प्राधिकरण में भेजवाना होगा।

जेल अधीक्षक को निर्देशित किया कि जो भी बंदी नि:शुल्क अधिवक्ता के लिए प्रार्थना-पत्र प्रस्तुत करना चाहते हों, उसे अविलम्ब जिला विधिक सेवा प्राधिकरण उन्नाव को अग्रसारित करें, जिससे उन्हें नियमानुसार नि:शुल्क अधिवक्ता की सुविधा उपलब्ध कराई जा सके। इसके अतिरिक्त निरूद्ध बन्दियों को उनके क़ानूनी अधिकारों के प्रति तथा रिमाण्ड, जमानत तथा जागरूक किया था जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यों एवं उद्देश्य को बताया। उन्होंने कहा कि जिस किसी भी बंदी को अपने मुकदमें की पैरवी हेतु अधिवक्ता उपलब्ध न हो या वे प्राइवेट अधिवक्ता रखने में असमर्थ हो, उन्हें जिला प्राधिकरण द्वारा नि:शुल्क अधिवक्ता की सुविधा उपलब्ध कराई जा सकती है। इसके लिए उन्हें अधीक्षक के माध्यम से अपना प्रार्थना-पत्र जिला प्राधिकरण में भेजवाना होगा। जेल अधीक्षक को निर्देशित किया कि जो भी बंदी नि:शुल्क अधिवक्ता के लिए प्रार्थना-पत्र प्रस्तुत करना चाहते हों, उसे अविलम्ब जिला विधिक सेवा प्राधिकरण उन्नाव को अग्रसारित करें, जिससे उन्हें नियमानुसार नि:शुल्क अधिवक्ता की सुविधा उपलब्ध कराई जा सके। इसके अतिरिक्त निरूद्ध बन्दियों को उनके क़ानूनी अधिकारों के प्रति तथा रिमाण्ड, जमानत तथा जागरूक किया तथा आगामी राष्ट्रीय लोक अदालत- 11.05.2024 तथा आगामी ई-जेल लोक अदालत दिनांक- 28.03.2024 के सम्बन्ध में जानकारी के साथ साथ निरुद्ध बंदियों से रहन-सहन, खान-पान एवं स्वास्थ्य सेवा आदि के बारे में पूछ-ताछ किया गया हैं| सचिव महोदय द्वारा जिला कारागार में स्थित जेल चिकित्सालय का निरीक्षण भी किया गया|


Rishabh Tiwari

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