देवेन्द्र तिवारी
उन्नाव। जिला न्यायाधीश प्रतिमा श्रीवास्तव द्वारा वृद्धाश्रम, तकिया निगोहीं तहसील सफीपुर, उन्नाव में जागरूकता शिविर का आयोजन जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, उन्नाव प्रतिमा श्रीवास्तव द्वारा उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ की कार्ययोजना वर्ष 2023-2024 के क्रियान्वन के क्रम में मंगलवार को वृद्धाश्रम, तकिया निगोहीं तहसील सफीपुर, उन्नाव में वरिष्ठ नागरिकों के अधिकारों एवं के सम्बन्ध में विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। उक्त शिविर में मनीष निगम अपर जिला जज सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण उन्नाव भी उपस्थित रहे। उक्त जागरूकता शिविर में बताया गया कि युग में बुढ़ापा एक बहुत बड़ी सामाजिक चुनौती बन चुकी है इसलिए इस अवस्था में जीने वाले नागरिकों की सेवा और सुरक्षा पर ध्यान देने की आवश्यकता है। वरिष्ठ नागरिकों की अनेक समस्याएं हैं। इनमें सर्वप्रथम उनका स्वयं को अकेला अनुभव करना हैं। घर परिवार में रहते हुए भी उन्हें लगता हैं कि उनकी ओर उचित ध्यान नहीं दिया जा रहा हैं। वे स्वयं को अकेला और उपेक्षित अनुभव करते हैं। वरिष्ठ नागरिकों की एक प्रमुख समस्या है उनकी अस्वस्थता। वृद्धावस्था में प्रायः अनेक रोग पीड़ित व्यक्ति को पीड़ित करने लगते हैं उनके स्वास्थ्य पर परिवारजन अधिक ध्यान नहीं देते। शारीरिक अक्षमता और धन का अभाव दोनों ही उन्हें पीड़ित करते है। वरिष्ठ नागरिकों की एक भावनात्मक समस्या हैं उनको उचित सम्मान न मिलना। परिवार में और परिवार के बाहर उन्हें बेकार का आदमी समझकर समुचित सम्मान नहीं दिया जाता। वरिष्ठ नागरिकों के एकाकीपन को दूर करने के लिए परिवार के सदस्यों को उनके साथ कुछ समय बिताना चाहिए। परिवार के बच्चों को उनके साथ वार्तालाप करने तथा खेलने के लिए प्रेरित करना चाहिए। वरिष्ठ नागरिकों के लिए मिलने बैठने के स्थान, क्लब आदि की व्यवस्था होनी चाहिए। वरिष्ठ नागरिकों के स्वास्थ्य का परिवार के सदस्यों को ध्यान रखना चाहिए। उनके उपचार की यथासम्भव उचित व्यवस्था करनी चाहिए। अस्पतालों में वरिष्ठ नागरिकों को विशेष सुविधाएँ मिलनी चाहिए। वरिष्ठ नागरिक हमारे समाज के सम्मानीय अंग हैं। उनका सम्मान हमारी सामाजिक सभ्यता का परिचायक हैं अतः हर स्थान पर उन्हें उचित आदर दिया जाना चाहिए। उक्त शिविर में न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, उन्नाव प्रतिमा श्रीवास्तव ने वृद्धों को फल वितरित किये एवं वृक्षारोपण भी किया। उक्त कार्यक्रम में सचिव ने परिवार के बुजुर्ग और माता-पिता आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा-125 के अन्तर्गत भी भरण-पोषण खर्च प्राप्त करने के अधिकारी हैं, परन्तु वो प्रक्रिया सामान्य कानूनी प्रक्रिया की तरह बहुत खर्चीली और लम्बा समय लेने वाली होती है। वरिष्ठ नागरिकों का भरणपोषण तथा कल्याण अधिनियम 2007 पारित किया। इसके अतिरिक्त सचिव ने विधिक कार्यक्रमों के आयोजनों एवं शिविरों के उद्देश्यों के बारे में जानकारी दी तथा तथा आगामी राष्ट्रीय लोक अदालत- 9 मार्च अदालत के सम्बन्ध में जानकारी प्रदान की। सचिव ने पराविधिक स्वयंसेवक राहुल कुमार को निर्देशित किया कि हर सप्ताह के अन्त में वृद्धाश्रम का निरीक्षण करेंगे तथा रिपोर्ट पेश करेंगे। उक्त शिविर में चिकित्सक डॉ. आर०के० हलधर ने वरिष्ठ नागरिकों को चिकित्सीय परामर्श दिया तथा स्वास्थ्य सम्बन्धी दिक्कतों के बारे में जानकारी की तथा आवश्यक दवाई व परामर्श दिया। उक्त कार्यक्रम में तहसीलदार रामश्रय, फूलचन्द्र सिंह थानाध्यक्ष सफीपुर,लेखपाल विशाल, पराविधिक स्वयंसेवक राहुल कुमार, अमित गुप्ता एवं वरिष्ठ नागरिक उपस्थित रहे।