सुलतानपुर।जनपद की धरती साहित्य के क्षेत्र में हमेशा ही उर्वर रही है।आज भी युवा साहित्यकार साहित्य के क्षेत्र में जनपद को ऊँचाई और एक नई पहिचान दे रहे हैं । जिससे जनपद गौरवान्वित हुआ है। जिनकी चमक देश के अलावा सुदूर देशों तक पहुंच रही है। ऐसे में दो युवा साहित्यकारों राज बहादुर राना और सर्वेश कान्त वर्मा सरल को विभिन्न संस्थाओं ने सम्मानित किया है।
शब्द प्रतिभा बहुक्षेत्रीय सम्मान फाउंडेशन नेपाल के तत्वावधान में विश्व मातृभाषा दिवस के अवसर अंतराष्ट्रीय मातृभाषा कविता प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें देश-विदेश के 385 विभिन्न मातृभाषा कवि लेखको ने सहभागिता किया। प्रतियोगिता में 145 उत्कृष्ट लेखकों में अमदेवा, जयसिंहपुर,सुलतानपुर निवासी राजबहादुर राना को मातृभाषा काव्य रत्न मानद उपाधि प्रदान की गई। वहीं पाठ्य पुस्तक लेखक, शिक्षक, भाव वाटिका साझा संकलन के संपादक, कई साहित्यिक संस्थाओं में पदासीन, समाज सेवा में सेवाएं प्रदान करने वाले, अनुपम साहित्यकार सर्वेश कान्त वर्मा सरल को लखनऊ में उत्तर प्रदेश साहित्य सभा के अध्यक्ष, उत्कृष्ट काव्यकार सर्वेश अस्थाना और प्रख्यात कवि और गीतकार गजेन्द्र प्रियांशू ने सम्मानित किया। सर्वेश की कविता -जाम में फंसे हो जाम में फंसे हो और राज बहादुर राना की कलमकारों के सम्मान में रची कविता -मैं कलमकार हूं बातें फिजूल क्यों लिख दूं – को सम्मानित साहित्यकारों द्वारा सराही जा रही आशीर्वाद मिल रहा है।आशुकवि प्रसाद सिंह जटायु ,लोक भूपण आधाप्रसाद सिंह प्रदीप, साहित्य भूषण सुशील कुमार पाण्डेय साहित्येन्दु,पवन कुमार सिंह,दिनेश प्रताप सिंह चित्रेश, डॉ राम प्यारे प्रजापति जैसे महान साहित्यकारों और भूपेन्द्र नाथ वर्मा प्रबंधक रामरती इंटर कॉलेज द्वारिका गंज ने शुभकामनाएं प्रेषित किया।