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दिनांक:03/01/2024
*निर्यात हेतु गुणवत्तायुक्त आम उत्पादन एवं किसानों की आय दोगुनी करने में आई.पी.एम. साबित हो रहा प्रभावी विकल्प –* डा. जे. पी. सिंह, वनस्पति संरक्षण सलाहकार, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार
रिपोर्ट – अमित कुमार शुक्ला।
*लखनऊ :* भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, वनस्पति संरक्षण, संगरोध एवं संग्रह निदेशालय के उप कार्यालय क्षेत्रीय केन्द्रीय एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन केंद्र में आम की फसल में आई.पी.एम. पर दीर्घकालीन प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ I कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि डा. जे. पी. सिंह, वनस्पति संरक्षण सलाहकार, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार, विशिष्ट अतिथि डा. ए. के. सिंह, निदेशक, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण, उत्तर प्रदेश सरकार डा. अनिल कुमार सागर, उप कृषि निदेशक (कृषि रक्षा), उत्तर प्रदेश सरकार एवं क्षेत्रीय आई. पी. एम. सेंटर के प्रभारी एवं संयुक्त निदेशक डॉ. ज्ञान प्रकाश सिंह ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया I कार्यक्रम में उपस्थित बतौर मुख्य अतिथि डा. जे. पी. सिंह, वनस्पति संरक्षण सलाहकार, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार ने इस 30 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम की वर्तमान प्रासंगिकता तथा उपादेयता के बारे में संबोधित करते हुये कहा कि किसानों द्वारा आम की फसल में कीट एवं बीमारियों से बचाने के लिए रासायनिक कीटनाशकों का अनुचित एवं अंधाधुंध उपयोग किया जा रहा है I रासायनिक कीटनाशकों का अनुचित प्रयोग हर किसी के स्वास्थ्य के साथ-साथ पर्यावरण के लिए बेहद नुकसानदेह है एवं रासायनिक कीटनाशकों के अवशेष आम के फलों में तथा फल मक्खी कीट से प्रभावित होने की वजह से उत्तर प्रदेश से आम के निर्यात में बाधा उत्पन्न हो रही है I इसलिए राज्य कृषि रक्षा विभाग एवं उद्यान विभाग के अधिकारियों को आई. पी. एम. पर दीर्घकालीन प्रशिक्षण के माध्यम से प्रशिक्षित किया जा रहा है और बतौर प्रसार कार्यकर्ता सभी तकनीकी अधिकारी किसानों के मध्य इंटीग्रेटेड पेस्ट मैनेजमेंट (आई.पी.एम.) के प्रति जागरूकता पैदा करें परिणामस्वरूप निर्यात हेतु गुणवत्तायुक्त आम उत्पादन एवं किसानों की आय दोगुनी करने में आई.पी.एम. प्रभावी विकल्प साबित होगा I उन्होंने यह भी कहा कि बगैर रसायन के उत्पादित आम के फलों का राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में अधिक मूल्य प्राप्त होता है I वनस्पति संरक्षण सलाहकार ने कहा कि प्रदेश में वनस्पति संरक्षण कार्य से संबन्धित समस्त एजेंसी और संस्थान मिल – जुलकर किसानों के हित में एक साथ कार्य करें I डा. ए. के. सिंह, निदेशक, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण, उत्तर प्रदेश सरकार ने विभिन्न जनपदों से आए हुये तकनीकी अधिकारियों को संबोधित करते हुये कहा कि आप सभी प्रशिक्षु इस प्रशिक्षण के उपरांत मास्टर ट्रेनर हो जाएंगे और आई.पी.एम. अपनाने हेतु किसानों को प्रेरित करें क्योंकि एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन बगैर कीटनाशक के आम उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है जिससे आम निर्यात में भी सफलता प्राप्त हो रही है I उत्तर प्रदेश सरकार के उप निदेशक (कृषि रक्षा), अनिल कुमार सागर ने कहा कि इंटीग्रेटेड पेस्ट मैनेजमेंट (आई.पी.एम.) ही एकमात्र विकल्प है जो रासायनिक कीटनाशकों के अनुचित उपयोग को कम कर सकता है और उन्होंने कहा कि अब प्रदेश के सभी जनपदों में आई.पी.एम. के अंतर्गत आने वाले विभिन्न प्रकार के ट्रैप्स तथा जैविक कीटनाशकों की उपलब्धता भी सुनिश्चित करने हेतु कृषि विभाग प्रयासरत एवं प्रतिबद्ध है I क्षेत्रीय केन्द्रीय एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन केंद्र, भारत सरकार के प्रभारी एवं संयुक्त निदेशक डॉ. जी.पी. सिंह ने संबोधित करते हुये कहा कि आई.पी.एम. को बढ़ावा दें परिणामस्वरूप कम लागत के साथ गुणवत्तायुक्त कृषि उत्पाद प्राप्त करें I उन्होंने कहा कि समस्त अधिकारी प्रशिक्षण प्राप्त करने के उपरांत आई. पी. एम. अपनाने हेतु किसानों को प्रेरित करें और यदि जरूरत पड़े तो केन्द्रीय कीटनाशी बोर्ड एवं पंजीकरण समिति द्वारा संस्तुत रासायनिक कीटनाशक ही अंतिम विकल्प के तौर पर उपयोग में लाएं। आर.सी.आई.पी.एम.सी., जैविक भवन में नवीन स्थापित जैव – कीटनाशी परीक्षण प्रयोगशाला का उद्घाटन डा. जे. पी. सिंह, वनस्पति संरक्षण सलाहकार, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार ने किया I कार्यक्रम में आर सी आई पी एम सी के समस्त अधिकारी उपस्थित रहे I कार्यक्रम का सफल संचालन अमित सिंह, सहायक वनस्पति संरक्षण अधिकारी ने किया I