लखनऊः 24 मई, 2022
शिरोमणि महाराणा प्रताप का नाम इतिहास के पन्नों में वीरता और पराक्रम के लिए सदैव अमर है। उन्होंने अद्म साहस और रणकौशल से मेवाड़ को स्वाधीन कराया। उनका जीवन चरित्र आदर्श स्वरूप है। महाराणा प्रताप के देशप्रेम, त्याग, बलिदान संघर्ष जैसे गुणों से विद्यार्थियों को प्रेरणा प्राप्त कर समाज, देश और प्रदेश के नव-निर्माण में योगदान देना चाहिए। ये उद्गार उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल जी ने आज राजभवन से प्रताप इण्टरनेशनल स्कूल, कानपुर के परिसर में महाराणा प्रताप जी की प्रतिमा के अनावरण कार्यक्रम में आनलाइन सहभागिता करते हुए व्यक्त किये।
राज्यपाल जी ने कहा कि आज एक ऐसी शिक्षा व्यवस्था की जरूरत है जो युवाओं में नागरिक जिम्मेदारी, राष्ट्रप्रेम, आलोचनात्मक और निर्णय क्षमताओं को प्रोत्साहित करे और परिस्थिति के अनुसार समस्याओं से लड़ने की क्षमता प्रदान करे, साथ ही जीविकोपार्जन हेतु विद्यार्थियों को व्यवहारिक ज्ञान और बुनियादी प्रशिक्षण भी दिया जाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में इस प्रकार के क्रिया-कलापों हेतु विशेष अवसर प्रदान किये गये हैं, जिन्हें पाठ्यक्रमों में शामिल कर विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान की जा सकती है।
राज्यपाल जी ने कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत ‘आत्मनिर्भर भारत’ बनने की दिशा में तत्पर है। ऐसे में युवाओं को वैश्विक अर्थव्यवस्था की चुनौतियों हेतु तैयार करने में शिक्षण संस्थानों की भूमिका महत्वपूर्ण है। इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिये हम सभी को श्रेष्ठ शिक्षा पद्धतियों को अपनाकर विद्यार्थियों को विश्व स्तरीय शिक्षा प्रदान करनी होगी।
राज्यपाल जी ने कहा कि सर्वाइकल कैंसर से आज पूरी दुनिया में 10 में से एक महिला ग्रस्त है। किशोरियों को इस कैंसर से बचाव के लिए एच0पी0वी0 वैक्सीन बहुत कारगर है और यह टीका सर्वाइकल कैंसर होने की सम्भावना को 96 प्रतिशत तक कम कर देता है। उन्होंने कहा कि किसी भी बच्ची या महिला को किसी भी प्रकार के असामान्य लक्ष्य दिखाई दें तो उन्हें गम्भीरता से लेते हुये तत्काल जांच करानी चाहिए। ऐसा करने से हम भविष्य की गम्भीर बीमारियों से बचे रह सकते हैं।