सचिन पाण्डेय
उन्नाव।पदम विभूषित साहित्य मनीषी बाबू भगवती चरण वर्मा की 120 वी जयंती उनकी जन्मस्थली सफीपुर में उनकी स्मृति में स्थापित पार्क में अर्चना साहित्य परिषद के तत्वाधान में संस्था के अध्यक्ष सुरेंद्र नाथ पांडेय की अध्यक्षता एवम मंत्री दिवाकर द्विवेदी के संचालन में हर्षोल्लास के साथ मनाई गई।
जयंती समारोह के मुख्य अतिथि नगर पंचायत के अध्यक्ष प्रतिनिधि सौरभ बाजपेई “राजा बेटा”ने साहित्य की देवी मां वीणा वादिनी एवम साहित्य मनीषी बाबू भगवती चरण वर्मा की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलित करते हुए पार्क में स्थापित बाबू जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर जयंती समारोह की शुरुआत कराई।अर्चना साहित्य परिषद के अध्यक्ष एवम मंत्री सहित समारोह में उपस्थिति साहित्य , समाज से जुड़े वक्ताओ ने बाबू भगवती चरण वर्मा को उनकी जन्म जयंती पर उनके व्यक्तित्व एवम कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए अपने श्रद्धा सुमन अर्पित कर उन्हें नमन किया।
इस मौके पर एक सूक्ष्म कवि गोष्ठी भी हुई जिसमे स्थानीय एवम जिले से पधारे वाणी पुत्रो ने ओज के कवि डॉक्टर प्रमोद कुशवाहा के कुशल संचालन में अपनी अपनी रचनाएं सुनाकर उपन्यास कार बाबू भगवती चरण वर्मा के संस्मरण सुनाए।इन कवियों में विनय द्विवेदी,डाक्टर प्रमोद कुशवाहा,निशांत बागी,रियाज सफीपुरी,सागर उन्नावी निशा अग्निहोत्री ,संजीव स्वर्णकार, आदि शामिल रहे।संस्था के अध्यक्ष एवम मंत्री ने भी अपनी स्वरचित रचनाएं पढ़ी।चित्रलेखा जैसे उपन्यास के सृजनकर्ता रहे विश्व विख्यात उपन्यासकार बाबू भगवती चरण वर्मा जी को उनकी सरजमी पर जीवंत बनाएं रखने वाली साहित्यिक संस्था अर्चना परिषद के अध्यक्ष एवम मंत्री दिवाकर द्विवेदी ने अपनी बढ़ती उम्र का हवाला देते हुए मुख्य अथिति एवम सामाजिक कार्यकर्ता सौरभ बाजपेई राजा बेटा से संस्था को अग्रसर रखने के लिए अध्यक्ष पद का दायित्व संभालने का अनुरोध करते हुए इसे पुनर्गठित करने की आवश्यकता बताई जिसे तालियों के करतल के बीच उन्होंने सहर्ष स्वीकार करते हुए उपस्थित साहित्यकारों को आश्वस्त किया उन सभी की अपेक्षाओं पर खरा उतरकर तन,मन धन से संस्था को नई ऊंचाइयों तक ले जाकर बाबू जी की अगली जयंती भव्यता के साथ मनाएं जाने के लिए वह संकल्पित रहेंगे।