अमेठीअयोध्याइटावाउत्तर प्रदेशउन्नावकानपुरजालौनप्रायगराजफतेहपुरबाराबंकीरायबरेलीलखनऊहरदोई

उत्तर प्रदेश के इतिहास में पहली बार नहीं हुई सड़कों पर ईद की नमाज़

मुस्लिम धर्मगुरुओं ने भी सीएम के अपील का समर्थन किया था, नतीजतन, ईद की नमाज़ ईदगाह अथवा अन्य तयशुदा पारंपरिक स्थान पर ही हुई

प्रदेश के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है ईद की नमाज़ सडकों पर नहीं हुई मुख्यमंत्री की अपील पर लोगों ने मस्जिदों में ही नमाज़ अदा की थी। ईद-उल-फितर, अक्षय तृतीया और परशुराम जयंती के एक ही दिन होने से

यूपी में जताई जा रही विवाद की आशंका भी निर्मूल साबित हुई। लोगों ने ईदगाहों में नमाज़ पढ़ी तो परशुराम जयंती पर विविध संगठनों ने शांतिपूर्ण आयोजन भी किए।

मुस्लिम धर्मगुरुओं ने भी सीएम के अपील का समर्थन किया था, नतीजतन, ईद की नमाज़ ईदगाह अथवा अन्य तयशुदा पारंपरिक स्थान पर ही हुई। हापुड़ और लोनी (गाजियाबाद) सहित कई क्षेत्रों में जहां मस्जिद और ईदगाहों में जगह कम थी वहां तो अलग-अलग शिफ्ट में लोगों ने नमाज़ पढ़ी। पिछले वर्षों तक जहां 50 हजार से 01 लाख लोग सड़कों व अन्य स्थानों पर नमाज पढ़ते थे,

Shubham Tripathi

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button