लखनऊ । पावर कॉरपोरेशन के अध्यक्ष एम देवराज ने बताया है कि उपभोक्ताओं के बिल संशोधन में शिकायत मिलने पर दो सदस्यीय जांच समिति गठित की गई थी। जांच समिति की रिपोर्ट में पाया गया कि बिल संशोधन में क्षेत्रीय उप खंड अधिकारी व अवर अभियंता की रिपोर्ट नहीं ली गई। उपभोक्ता से किस्तों में बिल की रकम जमा कराई गई।
बिजली बिल संशोधन में अनियमितता के आरोप में विभाग के एक अधिशासी अभियंता, एक उपखंड अधिकारी व तीन कार्यालय सहायकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। इनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई के भी निर्देश दिये गये हैं। कर्मियों पर उपभोक्ताओं को अनुचित लाभ पहुंचाने का आरोप है। इससे विभाग को तीन लाख 62 हजार 355 रुपये का नुकसान का आकलन किया गया है।
बिल में सरचार्ज की गणना नियमानुसार नहीं की गई। कई मद में बिल की राशि घटा दी गई। कई उपभोक्ताओं के मीटर बदलने व नये मीटर लगाने की सीलिंग का संज्ञान ठीक ढंग से नहीं लिया गया। उपभोक्ता की प्रति माह विद्युत खपत अत्यन्त कम थी, इस पर बिल संशोधन से पहले परिसर की जांच रिपोर्ट लगाई जानी थी, पर ऐसा नहीं किया।
बिजली बिल संशोधन में अनियमितता के आरोप में विभाग के एक अधिशासी अभियंता, एक उपखंड अधिकारी व तीन कार्यालय सहायकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। इनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई के भी निर्देश दिये गये हैं। कर्मियों पर उपभोक्ताओं को अनुचित लाभ पहुंचाने का आरोप है। इससे विभाग को तीन लाख 62 हजार 355 रुपये का नुकसान का आकलन किया गया है।
आरोपी कर्मियों में अधिशासी अभियंता हरिशंकर, उप खंड अधिकारी ईश्वर शरण सिंह व कार्यालय सहायकों में अविनाश मणि पांडेय, राजकपूर व रुद्र प्रताप पांडेय शामिल हैं। जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर अधीक्षण अभियंता महाराजगंज की ओर से स्थानीय कोतवाली में कार्मिकों के विरुद्ध एफआईआर कराई गई है।