
लखनऊ। लखनऊ जनपद के मलिहाबाद क्षेत्र के सरावां निवासी शिक्षामित्र और बीएलओ विजय कुमार वर्मा की ब्रेन हेमरेज से मौत ने प्रदेश की प्रशासनिक कार्यप्रणाली और चुनावी ड्यूटी की अव्यवस्था को सामने ला दिया है। लगातार फोन कॉल, एसआईआर ड्यूटी का भारी दबाव और अनियोजित वर्कलोड ने एक शिक्षामित्र की जान ले ली।
शुक्रवार को आम आदमी पार्टी का प्रतिनिधिमण्डल पीड़ित परिवार से मिला और मौके पर उनकी पत्नी संगीता वर्मा से पूरी घटना की जानकारी ली। प्रतिनिधिमण्डल ने पीड़ित परिवार को सांत्वना दी और न्याय दिलाने का भरोसा दिया।
पीड़िता संगीता वर्मा ने बताया कि पिछले कई दिनों से उनके पति मानसिक रूप से बेहद तनाव में थे। अधिकारियों के कॉल लगातार आते रहते थे और ड्यूटी से संबंधित दबाव बढ़ता जा रहा था। उन्होंने कहा कि न तो इलाज में प्रशासन ने मदद की और न ही मौत के बाद कोई अधिकारी सांत्वना देने पहुँचा। इस पूरे मामले में सरकार और प्रशासन की चुप्पी सबसे ज्यादा दर्दनाक है।
इस मौके पर प्रतिनिधिमंडल के सदस्य और अयोध्या प्रांत अध्यक्ष विनय पटेल ने कहा कि यह कोई अकेली घटना नहीं है। देशभर में ऐसे कम से कम 25 बीएलओ ड्यूटी के दबाव में अपनी जान गंवा चुके हैं। यह साफ संदेश है कि चुनावी ड्यूटी और एसआईआर की प्रक्रिया कर्मचारियों के लिए सुरक्षित नहीं है और इस पर तुरंत पुनर्विचार होना चाहिए। पार्टी ने कहा कि यह मौत लापरवाही, दबाव और असंवेदनशील सरकारी सिस्टम का नतीजा है और इसे सामान्य घटना की तरह नहीं छोड़ा जाएगा।
प्रदेश प्रवक्ता प्रिंस सोनी ने कहा कि एसआईआर ड्यूटी का दबाव अब सरकारी आदेश नहीं, बल्कि कर्मचारियों के लिए मौत का फरमान बन गया है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों पर लोकतंत्र को मजबूत करने की जिम्मेदारी है, वही आज सिस्टम की अव्यवस्था और दबाव की भेंट चढ़ रहे हैं। उन्होंने सरकार से तुरंत जिम्मेदारी तय करने, मुआवज़ा देने और एसआईआर प्रक्रिया की समीक्षा करने की मांग की।
लखनऊ जिलाध्यक्ष इरम रिज़वी ने कहा कि एसआईआर ड्यूटी अब जिम्मेदारी नहीं, बल्कि कर्मचारियों पर थोपे गए असहनीय दबाव का रूप ले चुकी है। उन्होंने कहा कि यह कोई पहली घटना नहीं है और सरकार की चुप्पी सबसे बड़ी संवेदनहीनता है।
आम आदमी पार्टी ने पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की मांग करते हुए कहा कि सरकार तुरंत एक करोड़ रुपये का मुआवजा,मृतक के पुत्र को सरकारी नौकरी और दोषी अधिकारियों के खिलाफ हत्या का मुकद्दमा दर्ज हो ताकि परिवार का भविष्य सुरक्षित हो सके। साथ ही, पार्टी ने मांग की कि बीएलओ और एसआईआर ड्यूटी की कार्यप्रणाली को मानविक और व्यावहारिक बनाया जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों।
प्रतिनिधिमण्डल में अयोध्या प्रांत प्रभारी सरबजीत सिंह मक्कड़, अयोध्या प्रांत अध्यक्ष विनय पटेल, प्रदेश प्रवक्ता प्रिंस सोनी, लखनऊ जिलाध्यक्ष इरम रिज़वी, ललित बाल्मीकि, सैफ खान, यूसुफ खान और पी.के. बाजपेई शामिल रहे। पार्टी ने स्पष्ट कहा है कि न्याय मिलने तक संघर्ष जारी रहेगा।



