उत्तर प्रदेशरायबरेली

राना बेनी माधव बख्श सिंह की 218वीं जयंती के अवसर पर भाव समर्पण समारोह का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा किया गया शुभारम्भ

रायबरेली 24 अगस्त 2022 प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम 1857 के महानायक, अप्रतिम वीर अवध केशरी राना बेनी माधव बख्श सिंह जी की 218 वीं जयंती के अवसर पर भाव समर्पण समारोह में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी मुख्य अतिथि रहे। इस अवसर पर मा0 मुख्यमंत्री ने सर्वप्रथम राना बेनी माधव बख्श सिंह की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किया तत्पश्चात शहीद चौक पर पुष्पांजलि अर्पित की।

इसके बाद फिरोज गांधी डिग्री कॉलेज के प्रांगण में सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग द्वारा राना बेनी माधव के जीवन तथा विकास कार्यों पर आधारित प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। इसके उपरांत मुख्यमंत्री द्वारा भाव समर्पण समारोह का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ किया तथा राना बेनी माधव की स्मृति में एक सभागार का शिलान्यास भी किया।

इस अवसर पर मा0 मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रथम स्वतंत्रा संग्राम के समय राना बेनी माधव ने लगभग डेढ़ वर्ष तक अंग्रेजों के चंगुल से रायबरेली क्षेत्र को आज़ाद रखा।

उन्होंने स्वतंत्रता से पूर्व ही रायबरेली वासियों को स्वतंत्रता का अहसास करा दिया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में पहली बार 1857 में विदेशी सरकार को जड़ों से उखाड़ फेंकने का युद्ध लड़ा गया। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम की उत्तर प्रदेश से ही शुरुआत हुई थी। प्रदेश के अलग अलग क्षेत्रों में लड़ाई हो रही थी और अवध में राना बेनी माधव बख्श सिंह ने अंग्रेजों के छक्के छुड़ा दिए थे।

उनके साथ वीरा पासी के त्याग और बलिदान को भुलाया नहीं जा सकता जो राना बेनी माधव के साथ युद्ध में शामिल रहे। आज़ादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर उन्हें याद कर श्रद्धांजलि अर्पित करना एक सुखद कार्य है। यह अवध क्षेत्र ऐसे बलिदानियों का ऋणी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब देश आज़ादी की 100वीं वर्षगाठ मना रहा हो तो कैसा भारत हो, समृद्ध और शांति, सौहार्द, आतंकवाद मुक्त, भाईचारा व आपसी समानता होनी चाहिए। इसके लिए हर नागरिक का कर्तव्य है कि अपने कर्तव्यो का भली-भांति पालन करते हुए सकारात्मक सोच के साथ सहयोग करे। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में देश की अनवरत यात्रा बढ़ रही है।

आगे उन्होंने कहा कि कोरोना काल में तकनीक का प्रयोग करते हुए कार्य किए गए और संवेदनशील रहते हुए प्रदेश सरकार ने कार्य किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज़ादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर ऐसे वीरों को ढूंढा जाए जिनके नाम कहीं खो गए, उनके नाम तथा उनके कार्य संकलित करना चाहिए। स्कूल कॉलेज में यह कार्य किए जाने चाहिए। अलग अलग काल खंडों में बिंदुवार इन महापुरुषों के विवरण को ढूंढ कर निकालना चाहिए। पुरानी पांडुलिपियों का अध्ययन करने की आवश्यकता है। कॉलेजों में इस प्रकार के शोध करने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां के किसान आंदोलन में शहीद हुए किसानों को नही भुलाया जा सकता है।

Shubham Tripathi

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