
सुल्तानपुर। विवेकानंद सरस्वती विद्यामंदिर में चल रहे नवचयनित आचार्य प्रशिक्षण वर्ग के तीसरे दिन क्षेत्रीय सह संगठन मंत्री (पूर्वी उत्तर प्रदेश) डॉ. राममनोहर ने कहा कि एक आदर्श राष्ट्र का निर्माण उसके नागरिकों के व्यक्तिगत एवं राष्ट्रीय चरित्र पर निर्भर करता है। उन्होंने कहा कि कोई भी राष्ट्र तभी सशक्त बन सकता है जब उसके नागरिकों का समर्पण अपने देश के प्रति पूर्ण हो और जब व्यक्तिगत चरित्र, राष्ट्रीय चरित्र में परिवर्तित हो जाए, तभी वह राष्ट्र प्रगति की दिशा में अग्रसर होता है।

डॉ. राममनोहर ने कहा कि हमारा उद्देश्य ऐसी युवा पीढ़ी का निर्माण करना है जो शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक और आध्यात्मिक रूप से पूर्ण रूप से विकसित हो, जिसमें राष्ट्रभक्ति का भाव हो और जो ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ की भावना से प्रेरित होकर विश्व कल्याण हेतु समर्पित हो। उन्होंने युवाओं को प्रेरित करते हुए कहा, “सपने वे नहीं होते जो हम सोते हुए देखते हैं, बल्कि सपने वे होते हैं जो हमें सोने नहीं देते।”
कार्यक्रम में आचार्यों को राष्ट्र निर्माण की दिशा में अपने दायित्वों के प्रति सजग रहने की प्रेरणा दी गई तथा शिक्षकों की भूमिका को राष्ट्र के भविष्य निर्माता के रूप में रेखांकित किया गया।