
बाराबंकी।।
उत्तर प्रदेश के जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने जनपद बाराबंकी के विधानसभा रामनगर के अन्तर्गत ग्राम बबुरी, केदारीपुर, बेलहरी, कुसौरा, करमुल्लापुर आदि में सरयू (घाघरा) नदी के दायें तट पर स्थित चहलारीघाट गनेशपुर तटबंध पर चल रहे बाढ़ सुरक्षात्मक कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया।

इस अवसर पर सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के अधिकारीगण स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं ग्रामीणजन भी उपस्थित रहे। मंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि आगामी वर्षा ऋतु से पूर्व सभी कार्य प्रत्येक दशा में पूर्ण कर लिये जाये तथा जिन कार्यों में प्रगति धीमी है उसे विशेष ध्यान देकर निर्माण कार्यों में तेजी लायी जाये तथा सुरक्षित स्तर तक प्रत्येक दशा में पूर्ण कर लिया जाये।
जल शक्ति मंत्री ने कहा कि चहलारीघाट गनेशपुर तटबंध जिसकी कुल लम्बाई 54.600 किमी0 है जिसमे से जनपद सीतापुर में कुल 33.500 किमी0 क्षेत्र एवं 21.100 किमी0 बाराबंकी का क्षेत्र बाढ़ से सुरक्षित हुआ है। इस तटबंध के बनने से आस-पास के क्षेत्र में बाढ़ का फैलाव सीमित हुआ है।

स्वतंत्र देव सिंह ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि कार्य में किसी प्रकार की शिथिलता या लापरवाही सहन नहीं की जायेगी। कार्य को गुणवत्ता पूर्वक समयबद्ध सीमा में पूर्ण कराया जाये।
निरीक्षण के दौरान मंत्री ने कहा कि सरकार के द्वारा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा हेतु स्थायी एवं दीर्घकालीन समाधान के लिए दृढ़ संकल्प है। इस दिशा में विभाग के अधिकारियों को नवीनतम् तकनीकों का प्रयोग करते हुए योजना बनाने के निर्देश दिये। आपदा से सम्बन्धित सूचनाएं समय रहते सरकार द्वारा विकसित एप के माध्यम से सूचनाएं प्राप्त होती है। सिंचाई विभाग भी नेपाल राष्ट्र से आने वाली बाढ़ की सूचनाओं का प्रेषण करता है। विभाग इन सूचनाओं को, कितना पानी डिस्चार्ज हुआ, पानी का गेज कितना रहेगा इसकी सूचना प्रत्येक पंचायत को WhatsApp Group बनाकर प्रेषित करें।

बाराबंकी में हेतमापुर के पास बबुरी, केदारीपुर एवं बेलहरी में चल रहे कार्य से उपस्थित ग्रामीणों द्वारा संस्तुति व्यक्त की गयी।
मंत्री ने ग्राम कुसौरा में चल रहे स्पर निर्माण कार्यों मे प्रगति लाते हुए समय से पूर्ण करने के निर्देश दिये। निरीक्षण के दौरान मंत्री जी बाराबंकी की जनता से अपील की कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें शासन-प्रशासन का सहयोग करें। प्रदेश सरकार हर स्थिति में जनता की सुरक्षा के लिए समर्पित है। बाढ़ जैसी प्रकृति आपदा के दुष्प्रभावों को न्यूनतम् करने के लिए जल शक्ति विभाग प्रतिबद्ध है।