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अब अगर आपको न्याय पाना है तो फिर आपको ट्विटर पर शिकायत करनी पड़ेगी

गोरखपुर पुलिस थानों पर न्याय नहीं देती। वह ट्वीटर पर आई शिकायतों का तत्काल निस्तारण करती है एक तरफ आम लोग न्याय की आस में कभी जनता दर्शन या अधिकारियों के कार्यालयों में चक्कर लगाने पड़ते है फिर भी शायद ही आपकी शिकायत का निस्तारण किया गया हो पर अगर आप ट्विटर में शिकायत करते है तो उसका निस्तारण होना लगभग तय है ।

और यह हम खुद नही कह रहे है ये दावा पुलिस के अनुसार पिछले छह महीने में गोरखपुर पुलिस के ट्वीटर पर कुल 2207 शिकायतें आईं हैं, जिसमें से सबका निस्तारण कर दिया गया है। लेकिन अभी भी थानों पर न्याय के लिए लोगों के भटकने का सिलसिला जारी है।

एसएसपी डॉ विपिन ताडा ने सोशल मीडिया और आनलाइन शिकायतों को बढ़ावा देने के लिए खुद निगरानी कर रहे हैं। वहीं इसका दुरूपयोग करने वालों पर भी कार्रवाई हो रही है। झूठी सूचना देने वालों पर केस भी हो रहा है। पुलिस के आंकड़ों के अनुसार जनवरी में ट्वीटर पर 432 शिकायतें, फरवरी में 389,मार्च में 436, अप्रैल में 302,मई में 343 और जून में 286 शिकायतें आईं। जिनमें से सबका निस्तारण किया गया। वहीं 12 गंभीर मामलों में केस दर्ज किया गया।

वही अगर आप जनता दर्शन में बढ़ रही है भीड़ ।

सीएम के जनता दर्शन में आने वाले शिकायतों की संख्या लगातार बढ़ रही है। हर जनता दर्शन में 400 से 500 लोग आ रहे हैं।

वहीं एडीजी, डीआईजी, एसएसपी, एसपी सिटी, एसपी साउथ, एसपी नार्थ के पास भी फरियादियों की संख्या कम नहीं हो रही है। यह तब है जब हाल ही में एसएसपी ने फरियादियों और पुलिसकर्मियों को आमने सामने बिठाकर फरियाद सुनी और दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई भी की है। फिर हालत जस की तस है।

सुनवाई और उसके निस्तारण की हालत यह है कि आईजीआरएस पर भी शिकायतों की भरमार है। रोजाना आईजीआरएस पर करीब 200 शिकायतें आ रही हैं। निस्तारण की गुणवत्ता ऐसी है कि एक ही मामले में फरियादी कई बार शिकायत कर रहा है। कोई 20, कोई 40 तो कोई 1200 बार शिकायत किया है। पुलिस का कहना है कि ये पेशेवर शिकायतकर्ता हैं लेकिन वहीं फरियादियों का कहना रहता है कि पुलिस निस्तारण के नाम पर दोनों पक्षों का 151 कर देती है या बिना शिकायतकर्ता के बयान या जांच के रिपोर्ट लगा देती है।

Shubham Tripathi

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