सचिन पाण्डेय
उन्नाव। 23 सितंबर को हुए अनुज एनकाउंटर कांड ने क्षेत्र में हलचल मचा दी है। STF लखनऊ की टीम ने अचलगंज थाना क्षेत्र के बेथर कुल्हागढ़ा में मुठभेड़ के दौरान अमेठी के अनुज प्रताप सिंह को मार गिराया। अनुज पर आरोप था कि उसने सुल्तानपुर में भरत ज्वेलर्स में डकैती की थी। इस एनकाउंटर के बाद सवाल उठने लगे हैं कि क्या यह कार्रवाई वैध थी या नहीं। डीएम गौरांग राठी ने मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए मजिस्ट्रेटियल जांच का आदेश दिया है। सिटी मजिस्ट्रेट राजीव राज को जांच की जिम्मेदारी दी गई है। जांच का मुख्य उद्देश्य यह स्पष्ट करना है कि क्या पुलिस ने सभी नियमों का पालन किया और क्या एनकाउंटर आत्मरक्षा में था। STF की टीम ने अनुज को पकड़ने के लिए विशेष ऑपरेशन चलाया। मुठभेड़ के दौरान अनुज ने पुलिस पर फायरिंग की, जिसके जवाब में पुलिस ने कार्रवाई की। हालांकि, स्थानीय लोगों और मानवाधिकार संगठनों ने इसे लेकर सवाल उठाए हैं कि क्या यह एनकाउंटर पूर्व नियोजित था। STF की टीम ने अनुज को पकड़ने के लिए विशेष ऑपरेशन चलाया। मुठभेड़ के दौरान अनुज ने पुलिस पर फायरिंग की, जिसके जवाब में पुलिस ने कार्रवाई की। हालांकि, स्थानीय लोगों और मानवाधिकार संगठनों ने इसे लेकर सवाल उठाए हैं कि क्या यह एनकाउंटर पूर्व नियोजित था। मानवाधिकार संगठनों ने जताई चिंता स्थानीय निवासियों ने इस एनकाउंटर को लेकर चिंता व्यक्त की है। कई लोगों का मानना है कि पुलिस ने अनुज के खिलाफ पूर्वाग्रह से कार्रवाई की। वहीं, कुछ लोग इसे पुलिस का उचित कदम मानते हैं, विशेषकर जब डकैती की घटनाएं बढ़ रही हैं। मानवाधिकार संगठनों ने भी इस एनकाउंटर पर चिंता व्यक्त की है। उनका कहना है कि ऐसे मामलों की जांच आवश्यक है ताकि कानून का उल्लंघन न हो। उन्होंने पुलिस की कार्यप्रणाली की समीक्षा करने की भी मांग की है। जांच के दौरान सिटी मजिस्ट्रेट राजीव राज ने कहा, “हम मामले की पूरी गहराई से जांच करेंगे। यह सुनिश्चित करना हमारी प्राथमिकता है कि न्याय का कोई उल्लंघन न हो।