सुलतानपुर। जयसिंहपुर के बिरमलपुर गांव के पास मझुई नदी पर छठ पर्व धूमधाम से मनाया गया। रविवार को सैकड़ों महिलाओ ने मझुई नदी में श्रद्धा से भगवान को पहला अघ्र्य दिया। इस दौरान व्रतधारी महिलाओ ने नदी में वेदी बनाकर भगवान सूर्य की विधि विधान से उपासना कर पूजा की और कमरभर पानी में डूब कर डूबते सूरज को अघ्र्य दिया। सोमवार को उगते सूरज की अघ्र्य देने के बाद छठ पर्व का समापन होगा।
मालूम हो की, छठ पर्व सुख-समृद्घि और संतान की कामना व बच्चों के उज्जवल भविष्य की कामना के लिए महिलाएं यह उपवास रखती हैं। इस दिन वे विशेष श्रृंगार कर हाथों में मेहंदी कर भगवान सूर्य की उपासना करती हैं। एक कथा के अनुसार प्रथम देवासुर संग्राम में जब असुरों के हाथों देवता हार गये थे, तब देव माता अदिति ने तेजस्वी पुत्र की प्राप्ति के लिए देवारण्य के देव सूर्य मंदिर में छठी मैया की आराधना की थी। तब प्रसन्न होकर छठी मैया ने उन्हें सर्वगुण संपन्न तेजस्वी पुत्र होने का वरदान दिया था। इसके बाद अदिति के पुत्र हुए त्रिदेव रूप आदित्य भगवान, जिन्होंने असुरों पर देवताओं को विजय दिलायी। कहते हैं कि उसी समय से देव सेना षष्ठी देवी के नाम पर छठ का चलन शुरू हो गया।
अम्बेडकरनगर जिले के भीटी थाना क्षेत्र की पुलिस यस आई कृपा शंकर यादव, एसआई ओम प्रकाश सिंह, अपने हमराहियों रवि सिंह, सुमित ,ब्रजेश सिंह, अभिषेक कुमार, रिंकी, निधि, प्राची,सोनिया अन्य पुलिसकर्मियो के साथ मौजूद रहे।साथ ही व्यस्थापक प्रधान बेला प्रदीप सिंह के द्वारा अपने वालियन्तीयरो के साथ लाइट ,घाट की सफाई आदि की सारी व्यवस्था देखते है।।