उन्नाव। जनपद के विकास खंड नवाबगंज के उच्च प्राथमिक विद्यालय सोहरामऊ के छात्रों ने हिन्दी दिवस के अवसर पर कक्षा में गतिविधियों के माध्यम से हिन्दी दिवस के महत्व के बारे में जाना।
राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित शिक्षिका स्नेहिल पांडेय के कुशल मार्गदर्शन में छात्रों ने देश भारत की अधिकारिक भाषा के महत्व तथा इसके प्रोत्साहन और बढ़ावा देने हेतु संकल्प लिया।
स्नेहिल पांडेय ने बच्चो को हिंदी दिवस के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए कहा हिंदी बहुसंख्यक आबादी की भाषा है, 14 सितम्बर को मनाया जाता है। 14 सितम्बर 1949 को संविधान सभा ने यह निर्णय लिया कि हिन्दी केन्द्र सरकार की आधिकारिक भाषा होगी। क्योंकि भारत मे अधिकतर क्षेत्रों में ज्यादातर हिन्दी भाषा बोली जाती थी इसलिए हिन्दी को राजभाषा बनाने का निर्णय लिया और इसी निर्णय के महत्व को प्रतिपादित करने तथा हिन्दी को प्रत्येक क्षेत्र में प्रसारित करने के लिये वर्ष 1953 से पूरे भारत में 14 सितम्बर को प्रतिवर्ष हिन्दी-दिवस के रूप में मनाया जाता है। स्वतन्त्रता प्राप्ति के बाद हिन्दी को आधिकारिक भाषा के रूप में स्थापित करवाने के लिए काका कालेलकर, हजारी प्रसाद द्विवेदी आदि साहित्यकारों को लेकर अथक प्रयास किए गए।
उन्होंने देश की हिन्दी भाषा को समृद्ध और विविध संस्कृति का जश्न मनाने के लिए इसके अधिकतम प्रयोग पर जोर दिया तथा भारतेंदु हरिश्चंद्र द्वारा लिखी गई पंक्तियों “निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल, बिन निज भाषा ज्ञान के, मिटे ना हिय को शूल” के माध्यम से बच्चों को अपने देश की आन- बान और शान हिन्दी के गर्व करने वाले इतिहास के बारे में बताया गया।इस अवसर पर छात्रों द्वारा कुछ स्लोगन तथा अपने अभिभावकों के नाम शुभकामना पत्र भी हिंदी में बनाए।