उन्नाव।स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के अन्तर्गत जिला स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण समिति की बैठक जिलाधिकारी अपूर्वा दुबे की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट स्थित पन्नालाल सभागार में सम्पन्न हुई।
इस मौके पर जिलाधिकारी द्वारा स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण 2023, स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण फेज-02 में व्यक्तिगत शौचालयों की प्रगति, वित्तीय वर्ष 2023-24 में व्यक्तिगत शौचालयों की प्रगति, विकास खण्डवार रेट्रोफिटिंग, ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन के अन्तर्गत ओडीएफ प्लस हेतु चयनित ग्राम पंचायतों में निर्मित/निर्माणाधीन/प्रस्तावित समस्त रिसोर्स रिकवरी सेन्टर/वेस्ट सेग्रीगेशन शेड के सुचारू रूप से संचालन एवं रख-रखाव की व्यवस्था, ग्राम पंचायतों में नियमित कचरे के एकत्रीकरण की व्यवस्था, प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन, गोवर्धन योजना आदि की विस्तृत समीक्षा की गयी। स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण फेज-02 में व्यक्तिगत शौचालयों की प्रगति के संबंध में डीपीआरओ द्वारा जानकारी दी गयी कि 45902 लक्ष्य के सापेक्ष 42248 लाभार्थियों को प्रथम किस्त तथा 41475 लाभार्थियों को द्वितीय किस्त का भुगतान कर दिया गया है। इस योजना के क्रियान्वयन में जनपद उन्नाव का प्रदेश में तीसरा तथा मण्डल में प्रथम स्थान है। जनपद में रेट्रोफिटिंग का कार्य समस्त ग्राम पंचायतों में पंचायत सहायकों के माध्यम से कराया जा रहा है। इसके अन्तर्गत 98.82 प्रतिशत सर्वें का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2022-23 में ओडीएफ प्लस हेतु 59 ग्राम पंचायतों हेतु उपलब्ध करायी गयी रू0 2678.22 लाख की धनराशि के सापेक्ष रू0 1797.02 लाख व्यय किए जा चुके हैं। 59 ग्राम पंचायतों में से 58 में रिसोर्स रिकवरी सेन्टर निर्माण का कार्य पूर्ण हो चुका है तथा एक ग्राम पंचायत में निर्माणाधीन है। डीपीआरओ ने बताया है कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में 770 राजस्व ग्रामों को ओडीएफ प्लस हेतु चयनित किया गया है जिनमें से 596 राजस्व ग्रामों की कार्य योजना निदेशालय को प्रेषित की जा चुकी है। गंगा एक्शन प्लान के तहत 34 ग्राम पंचायतों के 64 राजस्व ग्रामों के सापेक्ष आवंटित रू0 266.23 लाख की धनराशि के सापेक्ष रू0 206.67 लाख व्यय किए जा चुके हैं। जनपद में स्थापित कराए जा रहे 03 प्लास्टिक प्रबंधन इकाईयों में से 02 का निर्माण कार्य पूर्ण तथा 01 यूनिट निर्माणाधीन है। गोवर्धन योजना के तहत निर्माणाधीन गोवर्धन बायोगैस प्लांट के संचालन हेतु आवश्यक प्रक्रिया पूर्ण करायी जा रही है।
समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी द्वारा समस्त खण्ड विकास अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि ओडीएफ प्लस में शामिल लाभार्थियों का ग्राम पंचायत में खुली बैठक कर सत्यापन करा लिया जाए। ओडीएफ प्लस के तहत चयनित ग्राम पंचायतों में मुख्य रूप से जल भराव को रोकने तथा ठोस अपशिष्ट प्रबंधन का निपटान कराने का कार्य कराया जाना है। इसके लिए रिसोर्स रिकवरी सेन्टर/वेस्ट सेग्रीगेशन शेड, सोक पिट, कम्पोस्ट पिट आदि का निर्माण निर्धारित मानकों के अनुरूप कराया जाए। कचरा कलेक्शन एवं आरआरसी संचालन हेतु स्वयं सहायता समूहों को चिन्हित करा लिया जाए। उन्होंने डीपीआरओ को निर्देश दिए हैं कि ग्राम पंचायतों में निर्माणाधीन समस्त कार्यों की निगरानी करें और पंचायत स्तर पर लापरवाही करने वाले कर्मचारियों पर तुरन्त कार्यवाही करें।