प्रयागराज ।सूत्रों के मुताबिक उत्तर प्रदेश सरकार अतीक के कब्जे से लोगों की जमीन और मकान वापस दिलाने के लिए जल्द ही आयोग का गठन कर सकती । दरअसल अतीक ने अतीक और उसके बेटे अशरफ ने प्रयागराज में बहुत बड़ी संख्या में लोगों की जमीनें कब्जा कर लीं या फिर जबरदस्ती मामूली रकम देकर अपने नाम करा लीं। लेकिन अब दोनों की मौत के बाद ऐसे तमाम लोग पुलिस के पास चक्कर काट रहे हैं। इस संबंध में शासन स्तर पर हुई बैठक में अधिकारी रूपरेखा तैयार कर रहे हैं, कि किस तरह पीड़ितों को कानूनी तरीके से उनकी संपत्तियों को वापस कराया जा सके।
सूत्रों के मुताबिक सियासी मकसद पूरा करने को बदल रहा था डेमोग्राफी
जांच में पता चला कि चुनाव में हार के बाद अतीक और अशरफ की प्रयागराज की सियासत में पकड़ कमजोर हो रही थी। अपना वोट बैंक बढ़ाने के लिए दोनों ने इलाके की जनसांख्यिकी (डेमोग्राफी) बदलने की साजिश रची। उनके द्वारा तमाम जमीनों पर कब्जा करके या कम दामों पर खरीदकर उसे मुस्लिमों को बेचने लगे थे।
इन जबरदस्ती कब्जा की हुई या जबरदस्ती काम दामों में खरीदी हुई जमीनों को बाजार दर से कम दामों पर बेचा जाता था ताकि खरीदार और उसका परिवार उनका वोटर बन जाए। अतीक इसी मकसद से अपनी पत्नी शाइस्ता को राजनीति में लाना चाह रहा था। वहीं शूटर गुलाम को भी चुनाव लड़वाना चाहता था ताकि वह असद को भी राजनीति में लाने में मदद करे।
बीते चार दशक से माफिया अतीक-अशरफ से पीड़ित लोगों में अब न्याय मिलने की उम्मीद जगी है। दोनों की मौत के बाद तमाम पीड़ित पुलिस से संपर्क साध रहे हैं। उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो प्रदेश सरकार अतीक के कब्जे से लोगों की जमीन और मकान वापस दिलाने के लिए जल्द ही आयोग का गठन कर सकती है।