सचिन पाण्डेय
उन्नाव।स्थानीय तहसील के अधिवक्ताओं ने आज बांगरमऊ जिला घोषित करने को लेकर तहसील परिसर में धरना दिया । तत्पश्चात मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन उप जिलाधिकारी को सौंपा। वकीलों के अनुसार बांगरमऊ जिला बनने से सुदूर ग्रामीण क्षेत्र के गरीबों को सस्ता और सुलभ न्याय मिल सकेगा।
तहसील के रामपाल यादव , रमेश द्विवेदी , शादाब खान , राम भरोसे योगेश लोधी , विनोद कुमार , प्रतीक व श्रीकांत सहित करीब डेढ़ दर्जन अधिवक्ताओं ने तहसील परिसर में धरना दिया । तत्पश्चात मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन एसडीएम उदित नारायण सेंगर को सौपा । सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया है कि कानपुर कन्नौज हरदोई और उन्नाव जनपदों के मध्य स्थित बांगरमऊ प्रमुख औद्योगिक नगर है। यह नगर जिले के प्रथम सांसद और भारतीय संविधान प्रारूप समिति के सदस्य स्वर्गीय विश्वभर दयालु त्रिपाठी और केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री स्वर्गीय जियाउर रहमान अंसारी की जन्म और कर्म स्थली भी है। बांगरमऊ के ग्रामीण क्षेत्र से जिला मुख्यालय उन्नाव की दूरी करीब 7 5 से 8 2 किलोमीटर तक है। जबकि यहां से हरदोई और कानपुर की दूरी 8 5 किलोमीटर से भी अधिक है। क्षेत्र के सुदूर ग्रामीण अंचल के गरीब मजदूरों और किसानों को न्याय पाने के लिए सैकड़ों रुपए खर्च कर उन्नाव की भागदौड़ करनी पड़ रही है।
अधिवक्ताओं के अनुसार बांगरमऊ को जिला घोषित करने के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता फारूक अहमद द्वारा हाईकोर्ट की खंडपीठ लखनऊ में दायर जनहित याचिका भी विचाराधीन है । हाई कोर्ट द्वारा इसी परिप्रेक्ष्य में सर्वे भी कराया जा चुका है। तर्क दिया गया है कि जिला उन्नाव की तहसील सफीपुर और बांगरमऊ तथा जनपद कानपुर नगर की बिल्हौर तहसील एवं हरदोई जिले की संडीला और परगना मल्लावां को जोड़कर बांगरमऊ को जिला घोषित करने में किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं आ रही है। वकीलों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को यह भी अवगत कराया है कि बांगरमऊ को जिला घोषित कर देने से तहसील क्षेत्र बांगरमऊ सहित अन्य जनपदों की शामिल की जाने वाली तहसीलों की गरीब जनता को सस्ता और सुलभ न्याय मिल सकेगा। गौरतलब है कि वर्ष 14 में बांगरमऊ तहसील घोषित होने के बाद से ही बांगरमऊ को जिला घोषित करने की मांग चली आ रही है ।