लखनऊ । सूत्रों के मुताबिक इंस्पेक्टर अखिलेश मिश्रा ने बताया कि प्रधान सहायक कुलदीप सिंह ने रिपोर्ट की है। जिसके अंतर्गत लाइब्रेरियन मो. आसिफ और पूर्व कार्यालय अधीक्षक मायालाल पर आरोप लगाए हैं। कुलदीप सिंह के मुताबिक वर्ष 2003 में 63 सीडीपीओ और 353 मुख्य सेविका और 294 पदों पर चपरासियों की नियुक्ति संविदा पर की गई थी। जिसमे शिकायत हुई थी कि यह नियुक्ति मानकों की अनदेखी की गई थी।
रिपोर्ट में तीनों पदों पर नियुक्ति में आरक्षण व्यवस्था व भर्ती प्रक्रिया में नियमों की अनदेखी किया जाना पाया गया। जांच में पता चला कि मो. आसिफ ने संविदा नियुक्ति संबंधी अभिलेख किसे सौंपे थे। इसका रिकार्ड कहीं दर्ज नहीं है। इस पर शासन ने विभागीय जांच कराई थी। जिसमें प्रारंभिक रिपोर्ट में अनियमित्ता सामने आई थी।
मो. आसिफ के साथ ही कार्यालय अधीक्षक मायालाल की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई है। यही सब के आधार पर मंगलवार को हजरतगंज थाना में FIR दर्ज की गई है।