
लखनऊ, 18 मई 2025। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री (संगठन) धर्मपाल सिंह ने रविवार को झांसी के पं. दीनदयाल उपाध्याय सभागार में आयोजित ‘‘एक राष्ट्र-एक चुनाव’’ टाउन हॉल कार्यक्रम में कहा कि ‘‘एक राष्ट्र-एक चुनाव’’ भाजपा का नहीं, बल्कि देश का एजेंडा है और इसे जन-जन का आंदोलन बनाना चाहिए। उन्होंने इसे देश की आर्थिक प्रगति और राजनीतिक स्थिरता के लिए अत्यंत आवश्यक बताया।
धर्मपाल सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में वैभवशाली, गौरवशाली, समृद्ध और शक्तिशाली भारत का निर्माण हो रहा है, लेकिन बार-बार होने वाले चुनाव इस दिशा में सबसे बड़ी बाधा हैं। उन्होंने बताया कि 2024 के लोकसभा चुनाव पर लगभग 1.24 लाख करोड़ रुपये खर्च हुए, जिसमें राजनीतिक दलों और प्रत्याशियों का खर्च शामिल नहीं है। ‘‘एक राष्ट्र-एक चुनाव’’ से न केवल सार्वजनिक धन की बचत होगी बल्कि देश में निर्णायक सरकारें बनेंगी और प्रशासनिक सुचारुता आएगी।

उन्होंने कहा कि बार-बार चुनावों के कारण बार-बार आचारसंहिता लगती है, जिससे विकास कार्य रुक जाते हैं। शिक्षकों, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, आशा बहुओं और अन्य सरकारी कर्मियों को विभागीय कार्य छोड़कर चुनावी कार्य में लगा दिया जाता है। इससे शासन-प्रशासन की सामान्य प्रक्रिया बाधित होती है और पुलिस व अर्धसैनिक बलों की ऊर्जा कानून-व्यवस्था की जगह चुनाव प्रक्रिया में खप जाती है।
धर्मपाल सिंह ने कहा कि जब 1967 तक देश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ हो सकते थे तो आज इसका विरोध समझ से परे है। यदि लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ हों, और नगर निकाय व पंचायत चुनाव भी एक साथ कराए जाएं तो देश के संसाधन व श्रमशक्ति की भी बचत होगी, जो राष्ट्र निर्माण में उपयोगी होगी।

उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि देश का जनमानस विचार करे और पाँच वर्षों में एक बार चुनाव हो, ताकि लोकतंत्र का उत्सव भी प्रभावी हो और शासन का पहिया भी बिना रुकावट चले। उन्होंने एकल मतदाता सूची के उपयोग की वकालत की जिससे लोकसभा, विधानसभा, नगर निकाय और पंचायत चुनाव एक ही सूची से कराए जा सकें।
कार्यक्रम के अंत में उन्होंने आह्वान किया कि ‘‘एक राष्ट्र-एक चुनाव’’ के विषय पर गांव, गली, मोहल्ले, चाय की दुकानों, कॉलेज परिसरों, कार्यालयों और सामाजिक स्थलों पर व्यापक चर्चा हो। युवा, महिलाएं, किसान, मजदूर, व्यापारी, चिकित्सक, अधिवक्ता, उद्यमी और समाज का हर वर्ग इस विचार से जुड़कर देश को विकसित राष्ट्र बनाने के संकल्प में भागीदार बने।