आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा उपचुनाव के लिए आज सुबह 7 बजे से मतदान शुरू हो गया सुबह से ही बूथों पर वोटरों की लंबी–2 कतारे लगी हुई है। सपा-भाजपा और बसपा तीनों अपनी-अपनी जीत के दावे कर रहे हैं। दोनों सीटों पर सपा और भाजपा की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। मतगणना 26 जून को होगी। बसपा ने रामपुर में प्रत्याशी नहीं दिया है। आजमगढ़ में गुड्डू जमाली बसपा के उम्मीदवार हैं। भाजपा ने दोनों सीटों पर इस बार अपनी पूरी ताकत झोंकी है। जबकि अखिलेश यादव ने खुद को उपचुनाव प्रचार से दूर रखा। वह न तो आजमगढ़ में प्रचार के लिए गए, न ही रामपुर में।
आजम खान के गढ़ रामपुर में समाजवादी पार्टी ने उन्हीं के करीबी आसिम रजा को मैदान में उतारा है। जबकि भाजपा ने घनश्याम लोधी पर दांव लगाया है। घनश्याम लोधी भी आजम खान के करीबी रह चुके हैं। वह 2004 में एमएलसी और 2007 में एमएलए बने। 2009 का लोकसभा चुनाव वह हार गए थे। सपा से पहले घनश्याम लोधी बसपा में भी रह चुके हैं। 2022 में ही उन्होंने बीजेपी ज्वाइन की है। रामपुर में आजम खान सेहतमंद न रहते हुए भी चुनाव प्रचार में काफी सक्रिय रहे। शायद यह पहला मौका है जब कांग्रेस का सबसे बड़ा स्थानीय चेहरा बिना पार्टी छोड़े पूरे चुनाव में भाजपा के साथ रहा। अब देखना यह है कि पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां द्वारा मुस्लिमों से आजम और सपा को नकारने के लिए खुले तौर पर की गई अपील कितनी कारगर रहती है।