लखनऊ

जुलूस-ए-मदेह सहाबा हर्षोल्लास के साथ उठा

रसूल की आमद मरहबा के नारों से गूंज उठा शहर

संवाददाता इरफान कुरैशी।।

रकाबगंज पर लगी सबील ने जुलूस के इस्तकबाल फूलों की बारिश से किया, अंजुमनों के लिए पूरी सब्जी का भी इंतजाम किया गया,

प्रशासन की चप्पे-चप्पे पर रही पैनी नज़र,

लखनऊ। इस्लामी कैलेंडर के मुताबिक़ साल का तीसरा महीना रबिउल अव्वल का होता है। इस महीने में सर ज़मीने अरब के शहर मक्का में मोहसिने इंसानियत रहमतुल लिल आलमीन पैगंबर-ए-इस्लाम हजरत मुहम्मद साहब की विलादत हुई थी।

आज लखनऊ शहर में सहाबा का परचम उठाए चला चल, क़दम अपने आगे बढ़ाए चला चल। सहाबा की मदहे ख्वानी में कारवां आगे बढ़ा,तो पीछे-पीछे शहर की अंजुमनें देश के तिरंगे के साथ मजहबी झंडे व परचम लेकर नात ओ मनक़बत व दुरुद ओ सलाम पेश करती साथ साथ चल रही थीं। ईद-ए-मिलादुन्नबी के अवसर पर गुरुवार को अमीनाबाद झंडेवाला पार्क से मदहे सहाबा का जुलूस निकाला गया। जुलूसे मदहे सहाबा में करीब 250 अंजुमन अपने-अपने परचम व झंडों के साथ शामिल हुईं ।

मदहे सहाबा का जुलूस केे दौरान सबसे पहले मजलिस तहफ्फुजे नामूसे सहाबा के अध्यक्ष मौलाना अब्दुल अलीम फारुखी ने पैगंबर-ए-इस्लाम हज़रत मुहम्मद साहब की जिंदगी पर विस्तार से रोशनी डाली। उन्होंने कहा कि नबी पाक की शिक्षाओं पर चलकर ही मुसलमान न केवल अपनी जिदंगी को बेहतर बना सकता है। बल्कि इस्लामी पैगाम को दुनिया में आम करके समाज की बुराईयों से भी छुटकारा पा सकता है। मौलाना ने परचम कुशाई की रस्म अदा की, तो अंजुमन उमर फारुख ने परचम-ए-तराना पेश किया। अंजुमन जैश-ए-ओसामा व अंजुमन पासदार-ए-इस्लाम की अगुवाई में जुलूस के बढऩे का सिलसिला शुरू हुआ, तो शहर की करीब 250 अंजुमन अपने झंडे व परचम के साथ आगे बढ़ी।

जुलूस अपने निर्धारित मार्ग अमीनाबाद से मौलवीगंज, रकाबगंज, नादान महल रोड, नक्खास तिराहा, टूडिय़ागंज, हैदरगंज चौराहे से होता हुआ ऐशबाग ईदगाह पहुंचा।

मौलाना खालिद रशीद ने मदहे सहाबा का जुलूस शांतिपूर्वक निकलवाने के लिए जिलाधिकारी एवं लखनऊ पुलिस कमिश्नर का तहे दिल से शुक्रिया अदा किया।

रकाबगंज पर लगी सबील ने जुलूस के इस्तकबाल फूलों की बारिश से किया, अंजुमनों के लिए पूरी सब्जी का भी इंतजाम किया गया था,

‘ईद-ए-मिलादुन्नबी जुलूसे मदहे सहाबा’ को चाक चौबंद सुरक्षा व्यवस्था के बीच सकुशल सम्पन्न हुआ। सुरक्षा बल एवं ड्रोन कैमरों के जरिये जुलूस के मार्ग के चप्पे-चप्पे पर नजर रखी जा रही थी। इसके अतिरिक्त जुलूस के प्रत्येक गतिविधियों की वीडियो रिकॉर्डिंग हुई। लगभग 250 संवेदनशील और अतिसंवेदनशील स्थानों पर स्थायी सीसी कैमरे लगाए गये थे।

बड़ी इमारतों के छत से पुलिस बल दूरबीन और वीडियों कैमरे से निगरानी कर रहे थे। लखनऊ कमिश्नर एस-बी शिरोड़कर एवं लखनऊ ज़िलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार ने बड़ी सूझबूझ के साथ रणनीति तैयार कर सभी अधिकारियों को निर्देश दिये।

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