लखनऊ । दरसअल हाल ही में इलाहाबाद हाईकोर्ट के कॉलेजियम ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के रूप में पदोन्नति के लिए 16 वकीलों के नामों की सिफारिश सर्वोच्च न्यायालय में की, जिनमें चार दिल्ली उच्च न्यायालय में प्रैक्टिस कर रहे थे। इसको लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच का अवध बार एसोसिएशन (OBA) इस तरह के किसी भी फैसले का विरोध किया। ओबीए के अध्यक्ष राकेश कुमार चौधरी ने बताया कि गुरुवार शाम को इसको लेकर ओबीए ने एक आपात बैठक बुलाई थी, जिसमें इस तरह की सिफारिश का विरोध करते हुए भारत के मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित को लेटर भी लिखा गया है।
ओबीए महासचिव अमरेंद्र नाथ त्रिपाठी ने बताया, इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के पद पर पदोन्नति के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय में प्रैक्टिस करने वाले वकीलों के नामों की सिफारिश करने के इलाहाबाद उच्च न्यायालय कॉलेजियम के फैसले के विरोध में बैठक में शुक्रवार से दो दिनों के लिए काम का बहिष्कार करने का निर्णय लिया गया। ओबीए द्वारा पारित प्रस्ताव में कहा गया है, सदस्यों को पदोन्नति के लिए बार से अनुशंसा करते समय, केवल उन व्यक्तियों पर विचार किया जाना चाहिए जो इलाहाबाद में उच्च न्यायालय के न्यायालय (इलाहाबाद और लखनऊ दोनों में बैठे) के समक्ष नियमित रूप से अभ्यास कर रहे हैं।