जौनपुर । पूर्व सांसद उमाकांत यादव को सोमवार को जौनपुर की अदालत अपर सत्र न्यायाधीश (तृतीय)/ विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए कोर्ट) शरद कुमार त्रिपाठी ने उमाकांत के साथ ही सात दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। मुख्य आरोपी उमाकांत को 5 लाख और अन्य को 20-20 हजार का जुर्माना भी लगाया गया है।
मामला 27 साल पुराना है। 4 फरवरी 1995 को दोपहर दो बजे में राजकुमार यादव चालक को शाहगंज जंक्शन पर रेलवे चौकी से छुड़ाने के लिए उमांकात और उनके साथियों ने फायरिंग की थी। इसमें जीआरपी सिपाही अजय सिंह की मौत हो गई थी। सिपाही लल्लन समेत तीन लोग घायल हुए थे।
गोली लगने से रेलकर्मी निर्मल लाल, यात्री भरत लाल व लल्लन सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए थे। जीआरपी सिपाही रघुनाथ सिंह की तहरीर पर पूर्व सांसद उमाकांत यादव, चालक राजकुमार यादव, धर्मराज यादव, महेंद्र, सूबेदार, बच्चू लाल समेत सात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था।