
रिपोर्ट:आशीष कुमार सिंह, कैंट लखनऊ,
विद्यार्थियों में सृजनात्मकता और आत्मविश्वास को निखारने के उद्देश्य से जूनियर हाई स्कूल, बी.सी. बाजार, कैंट में ‘शिक्षा में रंगमंच का महत्व’ विषय पर एक विशिष्ट दस दिवसीय नाट्य कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है।

यह पहल भारतेंदु नाट्य अकादमी एवं रंगनाद, लखनऊ के संयुक्त प्रयासों से संचालित हो रही है। लगभग 30 उत्साही युवा प्रतिभागियों को समेटे इस कार्यशाला की प्रशिक्षिका रोज़ी मिश्रा जी बच्चों को आंगिक अभिनय की बारीकियों से रूबरू करा रही हैं। कार्यक्रम के तहत विभिन्न थियेटर गेम्स, शारीरिक एवं मानसिक व्यायाम, रस-भावों की पहचान, गति-चलन के साथ-साथ योग और ध्यान जैसे अभ्यासों के माध्यम से उन्हें सजीव अभिनय की ओर प्रेरित किया जा रहा है। एक खास पहलू के रूप में, बच्चों को संवाद के बिना, केवल शारीरिक भाव-भंगिमाओं के जरिए स्वयं को अभिव्यक्त करने की कला भी सिखाई जा रही है, जिससे उनके संप्रेषण कौशल में निखार आने की उम्मीद है।

विद्यालय की प्रधानाचार्या साधना सिंह ने इस पहल को विद्यार्थियों के बहुमुखी विकास के लिए अत्यंत सार्थक बताया। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन बच्चों में आत्मविश्वास का संचार करने, उनकी सृजनात्मक क्षमताओं को उभारने तथा उनमें शारीरिक एवं मानसिक संतुलन स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
कार्यशाला के प्रभावी संचालन में समीक्षा राठौर एवं शुभी तिवारी का विशेष सहयोग रहा है। यह कार्यशाला न सिर्फ विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास की दिशा में एक सकारात्मक कदम है, बल्कि यह शिक्षा के क्षेत्र में रंगमंच की प्रासंगिकता और उसके गहन प्रभाव को भी रेखांकित करती है।