संवाददाता सचिन पाण्डेय
उन्नाव।।
नगर पालिका गंगाघाट को भ्रष्टाचार की श्रेणी में अगर लाया जाए तो पहले नंबर पर आएगी मगर पालिका के बाबू और अधिकारी उच्च अधिकारियों को ना तो जमीनी हकीकत दिखाते है और ना ही उच्च अधिकारी उन हकीकतों को देखना चाहते है।
पालिका में लूट घसौट वसूली बाजी और अय्याशी ये पिछले कुछ वर्षों में आम बात हो गई है।कहते है जब राजा ही वैसा हो तो प्रजा तो वैसी ही रहेगी,वही हाल गंगाघाट पालिका का है।खैर राजा तो कही और ही बिजी रक्खे जा रहे है।
नगर पालिका गंगाघाट में जो रिटायर्ड कर्मचारी है वो पुनः आउटसोर्सिंग पर कार्य कर रहे है।वो भी घर में बैठ कर माल काट रहे।और जो आउटसोर्सिंग 4th क्लास के कर्मचारी है जो सफाई कर्मी के पद पर लगे थे वो पालिका की ऐसी में बैठ कर कुर्सी गर्म करते रहते है।
ठेकेदारों द्वारा मिलावट किया जाता है तब भी पालिका के जिम्मेदारों की आंख बंद रहती है। चाहे जितनी शिकायतें कर ले पीड़ित पालिका के लालची लोग अपना कमीशन नहीं छोड़ते जिसके चलते कार्यवाही नहीं होती
पालिका में बाबू पैसे लिए बगैर कोई कार्य नहीं करते ऐसी कई बार शिकायतें आई वीडियो वायरल हुए यही नहीं विश्वसनीय सूत्रों की माने तो पालिका में आउटसोर्सिंग भर्ती भी पालिका के बाबू पैसे लेकर करते है।
अब रही बात पालिका अध्यक्ष जी की तो उनका हाल उस शक्श की तरह है जिनके नाम जमीन तो है पर कब्जा नहीं मिल पा रहा,पालिका में इतना कुछ हो रहा पर कार्यवाही नहीं होती जिससे सभी का मनोबल मजबूत बना हुआ है। हाल ए अंधेर नगरी चौपट राजा है।
देखना यह वीडियो वायरल होने के बाद न जल कल विभाग के कर्मचारी का कुछ होगा और न उस पार्टी में शामिल अन्य लोगों का क्यों कि पैसा चलता है बाबू भईया