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मुख्यमंत्री आरोग्य मेलों से ग्रामीण क्षेत्रों में उच्च गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य व चिकित्सा सेवाओं की सहज उपलब्धता सुनिश्चित कराने में सफलता मिली

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि विगत 05 वर्ष में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा के क्षेत्र में प्रदेश में अभूतपूर्व कार्य हुआ है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में प्रदेश सरकार ने कोविड नियंत्रण एवं प्रबन्धन में उल्लेखनीय योगदान दिया है। इंसेफेलाइटिस उन्मूलन के प्रयास तथा कोविड प्रबन्धन में प्रदेश को वैश्विक संस्थाओं से सराहना मिली है। प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास में अच्छा कार्य हुआ है। हमारी आबादी अधिक है, किन्तु स्वास्थ्य सेवाओं की सहज उपलब्धता और बेहतरीन प्रबन्धन ने स्वास्थ्य क्षेत्र में लोगों में एक विश्वास जताया है। एक टीम के रूप में यह प्रयास सतत् जारी रखा जाए।

लखनऊ: 19 अप्रैल, 2022 मुख्यमंत्री जी आज यहां शास्त्री भवन में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेक्टर के 05 विभागों के प्रस्तुतीकरण के अवसर पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेक्टर के अन्तर्गत चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, चिकित्सा शिक्षा विभाग, आयुष विभाग, बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग, खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभागों का प्रस्तुतीकरण किया गया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि नियोजित प्रयासों से एन0एच0आर0एम0/एन0एच0एम0 जैसे स्वास्थ्य विभाग के विभिन्न कार्यक्रमों को भ्रष्टाचार मुक्त बनाया गया है। दवाओं की खरीद को पारदर्शी बनाया गया है। यह शुचिता बनी रहे। भ्रष्टाचार की हर एक शिकायत को गम्भीरता से लेते हुए कठोरतम कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत योजना तथा मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत गोल्डेन कार्ड का लाभ पात्र व्यक्तियों को सुनिश्चित कराया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि मुख्यमंत्री आरोग्य मेलों से ग्रामीण क्षेत्रों में उच्च गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य व चिकित्सा सेवाओं की सहज उपलब्धता सुनिश्चित कराने में सफलता मिली है। इस अभियान को और गति प्रदान करते हुए मंत्रिगण/जनप्रतिनिधिगण अपने क्षेत्रों में इन मेलों में प्रतिभाग करें। व्यवस्था का निरीक्षण करें, आमजन से बेहतरी के लिए सुझाव प्राप्त करें।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि चिकित्सा सेवाओं के सुचारू संचालन के लिए डॉक्टरों और नर्सों की पर्याप्त तैनाती होनी चाहिए। डॉक्टर-नर्स का अनुपात 1ः1 हो। आवश्यकतानुसार पद सृजन कर योग्य प्रोफेशनल का चयन किया जाए। सभी विधानसभा क्षेत्रों में 100 शैय्या के चिकित्सालय की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाए। विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर चरणबद्ध रूप से इसे क्रियान्वित किया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विगत 05 वर्षों में 5000 स्वास्थ्य उपकेन्द्रों की स्थापना का कार्य हुआ है। अब हमारा लक्ष्य हो कि आगामी 05 वर्ष में 10,000 नए उपकेन्द्रों की स्थापना की जाए। आगामी 100 दिनों के भीतर राज्य कर्मचारियों एवं पेंशनर्स को कैशलेस चिकित्सा सुविधा से लाभान्वित किया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रत्येक जनपद में मुफ्त डायलिसिस की सुविधा उपलब्ध करायी जाए। डायलिसिस, सी0टी0 स्कैन, न्यू बॉर्न स्टेबिलाइजेशन यूनिट, स्पेशल न्यू बॉर्न केयर यूनिट की संख्या में बढ़ोत्तरी की जरूरत है। अगले दो वर्ष में सभी जनपदों तक इन सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाए। उन्होंने कहा कि डायलिसिस प्रक्रिया को टेलीकन्सल्टेंसी और नेफ्रोलॉजिस्ट की सुविधाओं से जोड़ा जाए। डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, जीका वायरस, जापानी इंसेफेलाइटिस, ए0ई0एस0 और कालाजार जैसी जल-जनित बीमारियों के लिए ‘मिशन जीरो’ को प्रभावी बनाया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ‘108’ तथा ‘102’ एम्बुलेंस सेवा को और व्यवस्थित करने की जरूरत है। एम्बुलेंस के रिस्पॉन्स टाइम को और कम किया जाए। एम्बुलेंस सेवा के संचालन का विकेन्द्रीकरण किया जाए। अगले 100 दिनों में कम से कम 800 नई एम्बुलेंस अपने बेड़े में बढ़ाएं। एडवांस्ड लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस (ए0एल0एस0) की संख्या को 01 वर्ष में 250 से बढ़ाकर 375 और फिर आगे 500 तक करने के प्रयास हों।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि मानसिक रोगियों के सहायतार्थ निजी स्वयंसेवी संस्थाओं का सहयोग लें। आगरा, बरेली, वाराणसी के मानसिक चिकित्सालयों में उन्मुखीकरण केन्द्र खोला जाना चाहिए, ताकि आमजन को मानसिक रोग के सम्बन्ध में सही-सटीक जानकारी दी जा सके।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सभी चिकित्सालय/स्वास्थ्य केन्द्र में दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता बनी रहे। आवश्यक मानी जाने वाली करीब 300 दवाओं की कमी न हो। इसकी सतत् मॉनीटरिंग भी की जाए। प्रत्येक जनपद में जिला मुख्यालय के अतिरिक्त एक और फर्स्ट रेफरल यूनिट (जैसे सी0एच0सी0, 100 बेडेड आदि) स्थापित कराई जाए। हर जिले में ड्रग हाउस की व्यवस्था हो।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पैरामेडिकल स्टाफ स्वास्थ्य व्यवस्था की रीढ़ है। कोविड काल में हम सभी ने पैरामेडिक्स के महत्व को बहुत करीब से देखा और समझा है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा अगले छह माह में प्रदेश में 10,000 पैरामेडिकल स्टाफ की नियुक्ति की कार्यवाही की जाए। नियुक्ति प्रक्रिया उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से पूर्ण शुचिता के साथ कराई जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2025 तक क्षय रोग से मुक्ति के प्रयासों को गति प्रदान करते हुए इस रोग से ग्रसित मरीजों को गोद लेने की कार्यवाही प्रशंसनीय होगी। लखनऊ के के0जी0एम0यू0 में क्षय रोग के सेण्टर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना कराई जाए। लखनऊ स्थित डॉ0 श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल चिकित्सालय के विस्तारीकरण की आवश्यकता है। लखनऊ में नेशनल सेण्टर फॉर डिजीज कण्ट्रोल की शाखा स्थापना की कार्यवाही तेज की जाए। फाइलेरिया रोग के सम्बन्ध में उपचार की व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करते हुए इससे सम्बन्धित जागरूकता अभियानों में गति लायी जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर मैटरनल एनीमिया मैनेजमेण्ट सेण्टर की स्थापना करायी जाए। यह सुनिश्चित कराएं कि सभी एफ0आर0यू0 पर ब्लड स्टोरेज यूनिट जरूर हो। कोविड रिपोर्ट की तर्ज पर ही डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया की जांच रिपोर्ट भी पोर्टल पर उपलब्ध कराने के प्रयास हों।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों और सहायिकाओं के 20,000 पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया अगले छह माह में पूर्ण कराएं। सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों और स्वास्थ्य सखियों को आयुष्मान भारत योजना का लाभ दिलाया जाए। प्रत्येक कार्यकर्त्री व सहायिका को यूनीफॉर्म के रूप में दो-दो साड़ी दी जाए। इनकी क्षमता आधारित मूल्यांकन और सर्टिफिकेशन के सम्बन्ध में विचार किया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रों में 03 से 06 वर्ष आयु के बच्चों को हॉट कुक्ड मील के साथ-साथ अधिक पोषण युक्त मॉर्निंग स्नैक्स (दूध-फल आदि) भी दिया जाना चाहिए। हर आंगनबाड़ी का अपना भवन हो। हम इन्हें प्री-प्राइमरी के रूप में विकसित कर रहे हैं। आंगनबाड़ी केन्द्रों को सक्षम आंगनबाड़ी (बेहतर आधारभूत सुविधाएं, ऑडियो विजुअल एड्स एवं क्लीन एनर्जी युक्त) के रूप में विकसित किया जाए। कम से कम 5,000 नए आंगनबाड़ी केन्द्रों का निर्माण कराया जाए। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रों को गोद लेकर वहां पर अच्छी सुविधाओं को विकसित किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में प्रदेश के स्वास्थ्य ढांचे को देश में अग्रणी बनाने की दिशा में अभूतपूर्व कार्य किया जा रहा है। ‘एक जिला, एक मेडिकल कॉलेज’ का हमारा संकल्प पूरी प्रतिबद्धता से जारी है। आज केवल 14 जिले ऐसे हैं, जहां मेडिकल कॉलेज की स्थापना का कार्य शुरू होना है। यह कार्य शीर्ष प्राथमिकता के साथ पूरा कराया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में वर्ष 2016-17 में पीकू बेड जहां मात्र 150 थे, वहीं, अब 6700 पीकू बेड उपलब्ध हैं। 206 लैबों की स्थापना और ऑक्सीजन उत्पादन में उत्तर प्रदेश आत्मनिर्भर हो गया है। लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन में ढाई गुना वृद्धि और पी0एस0ए0 में आठ गुना वृद्धि की गई है।
उत्तर प्रदेश भारत में लाइव इमरजेंसी मॉनीटरिंग सिस्टम संचालित करने वाला पहला राज्य होगा। इसलिए इस दिशा में मोबाइल ऐप आधारित डिजिटल प्लेटफॉर्म और कमाण्ड कॉल सेण्टर सुचारू रूप से संचालित करने की तैयारी की जाए। उत्तर प्रदेश में ई-अस्पताल की स्थापना की रणनीति तैयार की जाए और दो साल में इसे क्रियाशील किया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सरकारी मेडिकल कॉलेजों व जिला अस्पतालों में नर्सिंग कॉलेज की स्थापना करते हुए सीटों में वृद्धि के प्रयास हों। नर्सिंग को आकांक्षी व्यवसाय के रूप में बढ़ावा दिया जाए। नर्सिंग और पैरामेडिकल की संख्या और गुणवत्ता में गुणात्मक सुधार किया जाए। अगले छह माह में पांच नर्सिंग स्कूल, तीन पैरा मेडिकल स्कूल और 24 स्किल लैब की स्थापना की जाए। नीट के माध्यम से जी0एन0एम0 और बी0एस0सी0 नर्सिंग में प्रवेश दिलाया जाए। योग्यता और कौशल विकास में सुधार के लिए हर राजकीय मेडिकल कॉलेज में स्किल लैब की स्थापना की जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पैरामेडिकल के कौशल विकास के लिए पांच नए कोर्सेज-ओटी टेक्नीशियन, रेडियोथेरेपी टेक्नीशियन, एनेस्थीसिया टेक्नीशियन, डायलिसिस टेक्नीशियन और एम0आर0आई0 टेक्नीशियन को जोड़ने की कार्ययोजना बनायी जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय द्वारा राजकीय एवं निजी आयुष महाविद्यालयों का सम्बद्धीकरण किया जाए। आयुष विश्वविद्यालय द्वारा योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा के पाठ्यक्रम का प्रारूप तैयार किया जाए। पंचकर्म एवं क्षारसूत्र सहायक के डिप्लोमा पाठ्यक्रम प्रारम्भ किए जाएं। उन्होंने कहा कि आयुष चिकित्सा पद्धति में व्यापक संभावनाएं हैं। योग और पंचकर्म के माध्यम से रोगों के उपचार को सुनिश्चित किया जा सकता है। उन्होंने आयुष और पर्यटन विभाग का समन्वय करते हुए हेल्थ टूरिज्म की संभावनाओं को विकसित करने की बात कही। अगले छह माह में 279 हेल्थ वेलनेस सेण्टर और शेष 26 योग वेलनेस सेण्टर का संचालन शुरू किया जाए। उन्होंने हेल्थ एण्ड वेलनेस सेण्टर को प्रभावी ढंग से क्रियान्वित किए जाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आयुष विश्वविद्यालय में योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा के कोर्स के रेगुलेशन के लिए नीति बनायी जाए और पंजीकरण के लिए योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा बोर्ड की स्थापना की जाए। साथ ही, आयुष विश्वविद्यालय कैम्पस में योग, प्राकृतिक चिकित्सा, आयुर्वेद का चिकित्सालय और पाठ्यक्रम प्रारम्भ किया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अगले दो वर्ष के भीतर अयोध्या में आयुर्वेद और वाराणसी में होम्योपैथिक महाविद्यालय एवं चिकित्सालय का संचालन शुरू किया जाए। वाराणसी में पंचकर्म, योग और प्राकृतिक चिकित्सा आधारित कॉटेज की पी0पी0पी0 मॉडल पर स्थापना की जाए। साथ ही बस्ती, फतेहपुर बलिया, जालौन एवं रायबरेली में 50 शैय्या एकीकृत आयुष चिकित्सालय का लोकार्पण कराएं। औषधीय पौधों की कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के लिए नीति बनाकर जल्द लागू की जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन विभाग ने पिछले पांच वर्षों में कई नवाचार किए हैं। मिलावटखोरी से लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है। ऐसे में किसी भी सूरत में मिलावटखोरी को सहन नहीं किया जाएगा। खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन विभाग यह सुनिश्चित करे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रसाद वितरण करने वाले न्यूनतम 75 धार्मिक स्थलों को ‘भोग’ कार्यक्रम के तहत शामिल किया जाए। इसके अलावा, 2000 रेस्टोरेण्ट और स्वीट शॉप को हाईजीन रेटिंग दी जाए। हर स्मार्ट सिटी में एक क्लीन स्ट्रीट फूड हब स्थापित करने की कार्यवाही शुरू की जाए और ‘ईट राइट कैम्पस’ कार्यक्रम के तहत 100 आवासीय शैक्षणिक संस्थानों को शामिल किया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा अन्तर्विभागीय समन्वय के माध्यम से गुणवत्तापरक स्वास्थ्य प्रणाली विकसित कर जन-जन के उत्तम स्वास्थ्य के लिए कार्य किए जाएं। प्रदेश में विगत 05 वर्षाें से लोगों के मध्य रोगों के प्रति जनजागरूकता अभियान हेतु संचारी रोग नियंत्रण एवं दस्तक अभियान चलाये जा रहे हैं। इससे वर्ष 2017 की तुलना में वर्ष 2021 में ए0ई0एस0 से होने वाली अकाल मृत्यु में 90 प्रतिशत तथा जे0ई0 से होने वाली अकाल मृत्यु में 95 प्रतिशत की कमी आयी है।
प्रस्तुतीकरण के उपरान्त, मंत्रिमण्डल के सदस्यों द्वारा अपने सुझाव भी दिए गए। मुख्यमंत्री जी के समक्ष अपर मुख्य सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण श्री अमित मोहन प्रसाद ने चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा श्री आलोक कुमार ने चिकित्सा शिक्षा विभाग, अपर मुख्य सचिव आयुष श्री प्रशान्त त्रिवेदी ने आयुष विभाग, प्रमुख सचिव बाल विकास एवं पुष्टाहार श्रीमती अनीता सी0 मेश्राम ने बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग तथा प्रमुख सचिव खाद्य एवं औषधि प्रशासन श्रीमती अनीता सिंह ने खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के सम्बन्ध में प्रस्तुतीकरण दिए।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य एवं श्री ब्रजेश पाठक सहित मंत्रिमण्डल के सदस्यगण, मुख्य सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्र तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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