लखनऊ। प्रदेश पर से केजीएमयू के लारी कार्डियोलॉजी सेंटर में हार्ट के मरीज इलाज करने के लिए आते हैं। ऐसे में स्थिति ऐसी होती है कि दो-दो दिन मरीज को इलाज के लिए इंतजार करना पड़ता है। कई बार अस्पताल की दहलीज पर ही मरीज की सांस उखड़ जाती हैं।
अब लारी की ही तर्ज पर लोहिया संस्थान में कार्डियोलॉजी सेंटर शुरू होने जा रहा हैं। इससे लारी में मरीजों का लोड कम होगा। समय पर मरीज को इलाज मिल सकेगा। दोनों हार्ट केंद्र में समन्वय स्थापित किया जाएगा। ताकि जरूरत पड़ने पर दोनों जगह से मरीजों को रेफर किया जा सकें।
दिल के मरीजों को अब लारी की तरह लोहिया में इलाज मिल सकेगा। अब प्रदेश के विभिन्न जिलों के जिला अस्पताल व सीएचसी से रेफर किए गए मरीजों को यहां पर इलाज मिलेगा। अभी तक इमरजेंसी में आने वाले मरीजों को इलाज के लिए जद्दोजहद करनी पड़ती थी। स्वास्थ्य विभाग पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लोहिया संस्थान को केंद्र बनाने जा रहा है।
इससे हार्ट के मरीजों को इलाज मिलने में जो दुश्वारियां आती हैं, वह दूर होगी। लोहिया की इमरजेंसी में 100 बेड हैं। कार्डियक इमरजेंसी का संचालन नहीं हो रहा है। इमरजेंसी में भर्ती होने वाले मरीजों को कार्डियक यूनिट में भेजा जाता है। आरोप है कि दिल के कई मरीजों को लॉरी रेफर कर दिया जाता है। अब ऐसा संभव नहीं होगा।
स्वास्थ्य विभाग स्टेमी प्रोग्राम के तहत लोहिया संस्थान को नोडल सेंटर बनाने जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग के अफसरों का कहना है कि लारी की तरह ही लोहिया में बने ग्रुप पर मरीज की ईसीजी भेजकर डॉक्टर परामर्श लेकर इलाज मुहैया कराएंगे।
सीएचसी व जिला अस्पताल के अति गंभीर मरीजों को लोहिया संस्थान रेफर किया जाएगा। इमरजेंसी से मरीजों को सीधे कार्डियक यूनिट में भेजा जाएगा, जहां मरीजों की एंजियोग्राफी-एंजियोप्लास्टी होगी. लोहिया संस्थान कार्डियोलॉजी के प्रमुख डॉ. भुवन तिवारी के मुताबिक, संस्थान को स्टेमी का नया सेंटर बनाया जा रहा है। इसकी तैयारियां अंतिम दौर में हैं। जल्दी यहां पर हार्ट के मरीजों को सुविधा मिलना शुरू हो जाएगी।
वहीं, केजीएमयू के प्रवक्ता डॉ. केके सिंह के मुताबिक लोहिया संस्थान में हार्ट केंद्र बन जाने के बाद प्रदेश भर से जो मरीज लारी में आते हैं और बेड फुल होने के कारण इलाज नहीं मिल पाता है, तो उन्हें हम लोहिया के हार्ट केंद्र में रेफर कर सकेंगे. मरीज के लिए यह काफी राहत भरी खबर है।