मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मंडी शुल्क को न्यूनतम करने के बाद भी राजस्व से संग्रह में मंडियों का अच्छा योगदान है। पिछले वित्तीय वर्ष में जहां 614 करोड़ रुपये की आय हुई थी, वहीं वर्तमान वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में 361 करोड़ रुपये का राजस्व संग्रहीत हो चुका है। हमें इस वर्ष 1500 करोड़ रुपये संग्रह के लक्ष्य के साथ काम करना होगा।
आगे उन्होंने कहा कि किसानों की सुविधा के दृष्टिगत राज्य सरकार द्वारा बड़ी संख्या में ग्रामीण हाट पैठ और आधुनिक किसान मंडियों का निर्माण कराया गया है। क्षेत्रीय जरूरतों के अनुसार नए हाट पैठ और किसान मंडियों का निर्माण कराया जाना चाहिए। अंतर्राज्यीय/अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर नई मंडियों के लिए बहुत संभावनाएं हैं। हमें इनका लाभ लेना चाहिए। नए हाट पैठ और आधुनिक मंडियों की स्थापना के संबंध में निर्णय से पहले भूमि की उपलब्धता जरूर सुनिश्चित करायें।
सभी मण्डल मुख्यालयों पर टेस्टिंग लैब स्थापित करायी जाए।
सभी मण्डल मुख्यालयों पर टेस्टिंग लैब स्थापित करायी जाए। यहां बीज और जैविक प्रोडक्ट के सर्टिफिकेशन की कार्यवाही हो सकेगी। कृषि विश्वविद्यालयों की प्रयोगशालाओं को और साधन संपन्न व उन्नत किया जाए। कृषि विज्ञान केंद्रों पर भी टेस्टिंग लैब स्थापित करने के प्रयास हों। सरकार प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए नियोजित प्रयास कर रही है। इस प्रकार हम अपने प्रदेश को ‘जैविक प्रदेश’ के रूप में विकसित करने में सफल हो सकेंगे।