
वाराणसी। वाराणसी के कैट रेलवे स्टेशन पर जीआरपी ने मिल रही शिकायतों के आधार पर फर्जी टीटीई को गिरफ्तार कर लिया। पकड़े गए युवक आदर्श जायसवाल निवासी रीवा मध्य प्रदेश के पास तत्काल टिकट बनवाने का लाल फॉर्म मिला है। प्रभारी निरीक्षक रजौल नागर ने बताया कई दिनों से एक ही पीएनआर के टिकट मिलने की शिकायत आ रही थी।
ऐसे में चेकिंग अभियान के दौरान एक फर्जी टीटीई गिरफ्तार हुआ है। फिलहाल पुलिस उससे पूछताछ कर अग्रिम कार्रवाई में जुट गई है। पूछताछ में युवक ने बताया कि उसने अपनी प्रेमिका से शादी करने के लिए यह काम शुरू किया था क्योंकि लड़की के घर वालों ने नौकरी की शर्त रखी थी। प्रभारी निरीक्षक रजौल नागर ने बताया सीओ जीआरपी कुंअर प्रभात सिंह के दिशा निर्देश में लगातार प्लेटफार्मों पर सघन चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान में चेकिंग के दौरान शुक्रवार को एफओबी सीढ़ी के पास हाल से एक संदिग्ध व्यक्ति को चिह्नित किया गया। वह टीटीई के ड्रेस में था। उससे आईडी मांगी गई तो शक हुआ क्योंकि आईडी पर कुछ चीजें रेलवे से नहीं मिल रही थीं। जीआरपी थाना प्रभारी ने बताया- जीआरपी थाने लाकर उसकी तलाशी ली गई तो उसकी जेब से कई तत्काल टिकट के लाल फॉर्म मिले। साथ ही कई फेक टिकट भी मिले थे। उसका रेलवे टीटीई का आईकार्ड भी फेक मिला। ऐसे में कड़ी पूछताछ की गई तो उसने अपना नाम आदर्श जायसवाल पुत्र मोहित लाल जायसवाल निवासी ग्राम व पोस्ट पटेहरा थाना अरौला जिला रीवा, मध्य प्रदेश बताया। फिलहाल उससे जीआरपी और आरपीएफ पूछताछ कर रही हैं। थाना प्रभारी रजौल नागर ने बताया पूछताछ में युवक ने बताया कि उसने 17 जून 2025 में एक फर्जी टिकट बनाया था। ट्रेन में जिस कोच का टिकट बनाया था वह कोच ही नहीं ट्रेन में था। 26 तारीख को भी वो स्टेशन आया था और दिनेश नाम के व्यक्ति को भी एक टिकट बनाया था और उसने जब पीएनआर चेक किया तो वह टिकट फर्जी निकला जिसपर उसने शिकायत की थी।
इस शिकायत के बाद उसका वेरिफिकेशन सीटीआई से कराया गया तो वह टीटीई फर्जी निकला। मार्च 2025 में अपने गांव से एक फर्जी आईडी बनवाई थी। और उसके बाद टीटीई बनकर ठग रहा था। पूछताछ में युवक ने बताया कि व एक लड़की से प्यार करता था और उसने अपने घर वालों से बताया तो लड़की के घर वालों ने नौकरी की शर्त रख दी। जिसके बाद उसने यह फर्जी काम शुरू कर दिया था। थाना प्रभारी ने बताया पकड़े गए अभियुक्त को पूछताछ के बाद बीएनएस की धारा-319, 318(4), 338, 336(3), 340(2), 205 में चालान कर दिया। जिसे मजिस्ट्रेट के सामने पेश करते हुए जेल भेज दिया गया है।