-आर के श्रीवास्तव: प्रमुख संवाददाता
लखनऊ ।उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज यहां अपने सरकारी आवास पर 03 नए विश्वविद्यालयों (माँ पाटेश्वरी देवी राज्य विश्वविद्यालय बलरामपुर, माँ विंध्यवासिनी राज्य विश्वविद्यालय मीरजापुर व गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय मुरादाबाद) के भवनों के निर्माण की प्रगति, कर्मचारियों की व्यवस्था व संचालन के सम्बन्ध में समीक्षा बैठक की। मुख्यमंत्री जी ने कुलपतियों से वहां कराए जा रहे निर्माण कार्यों की वास्तविक स्थिति की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने कुलपतियों से कहा कि निर्माण कार्य समय से हो, इसमें गुणवत्ता का हर हाल में ध्यान रखा जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विश्वविद्यालय का निर्माण कार्य चरणबद्ध तरीके से कराया जाए। पहले चरण में शैक्षिक व प्रशासनिक भवन का निर्माण कराया जाए। द्वितीय चरण में कुलपति आवास, फैकल्टी भवन व गेस्ट हाउस तथा तीसरे चरण में छात्रावास के निर्माण की कार्यवाही की जाए। विश्वविद्यालय प्रशासन, कार्यदायी संस्था व स्थानीय प्रशासन की कमेटी बनाकर निर्माण कार्य की समय-समय पर समीक्षा की जाए। कुलपति द्वारा प्रतिदिन या दो दिन में निर्माण कार्यों का अवलोकन किया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि कार्य गुणवत्तापूर्ण व ससमय हो।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रत्येक 15 दिन पर उच्च शिक्षा विभाग द्वारा इसकी मॉनीटरिंग की जाए। निर्माण कार्य में किसी भी बाधा की स्थिति में कुलपति द्वारा जिलाधिकारी-प्रमुख सचिव से संवाद स्थापित किया जाए। निर्माण कार्य में किसी भी परिवर्तन के लिए शासन से सम्पर्क किया जाए। इसके लिए शासन स्तर से कार्यदायी संस्थाओं को दिशा-निर्देश जारी किए जाएं। उच्च शिक्षा विभाग के मंत्रीगण भी समय-समय पर इन विश्वविद्यालयों के निर्माण कार्यों का निरीक्षण करें।
मुख्यमंत्री जी ने उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि निर्माणाधीन विश्वविद्यालयों में नियमित कर्मचारियों की जल्द से जल्द नियुक्ति की जाए, जिससे अन्य कार्य भी सुगमता से संचालित हो सकें। उन्होंने कुलपतियों को आवास समेत अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। निर्माणाधीन विश्वविद्यालयों के कमाण्ड एरिया में आने वाले महाविद्यालयों की सम्बद्धता से जुड़ी कार्यवाही शीघ्र पूर्ण कर ली जाएं। निर्माणाधीन विश्वविद्यालयों के कुलपतियों द्वारा अन्य विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ बैठक कर उनका सहयोग लिया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विश्वविद्यालय का ‘लोगो’, सूत्रवाक्य व कुलगीत तैयार कराए जाएं। इसके लिए विश्वविद्यालय-महाविद्यालय स्तर पर प्रतियोगिताएं भी आयोजित हों। कुलगीत को तैयार करने में विद्वानों की भी मदद ली जाए। इसे जनपद की पौराणिकता व विरासत को ध्यान में रखकर बनाया जाए। कुलगीत के माध्यम से विरासत के प्रति गौरव का भाव भी जाग्रत हो। विश्वविद्यालय स्थापित होने के बाद वहां से किसी भी अतिथि को दिए जाने वाले उपहार में ‘लोगो’ का उपयोग अनिवार्य रूप से हो।
इस अवसर पर उच्च शिक्षा मंत्री श्री योगेन्द्र उपाध्याय, उच्च शिक्षा राज्यमंत्री श्रीमती रजनी तिवारी, प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा श्री महेन्द्र प्रसाद अग्रवाल व विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति उपस्थित थे।