
संवाददाता सचिन पाण्डेय
उन्नाव।जिला कृषि रक्षा अधिकारी ने बताया है कि किसान भाइयों इस समय तापमान एवं घना कोहरा गिरने के साथ-साथ आर्द्रता बढ़ने के कारण रबी की फसलों में कीट/रोग के प्रकोप की सम्भावना बढ़ गयी है। ऐसी दशा में आलू में पछेती झुलसा, तिलहनी फसलों में माहू एवं पाला से अन्य फसलों के प्रभावित होने की सम्भावना है।
उन्होंने बताया है कि आलू में पछेती झुलसा के प्रकोप से बचाव हेतु जिनेब 75 प्रतिशत डब्लू0 पी0 2 किग्रा0 अथवा काॅपर आक्सी क्लोराइड 50 प्रतिशत 2.50 किग्रा0 मात्रा प्रति हेक्टेयर की दर से 750-1000 लीटर पानी में घोलकर सुरक्षात्मक छिड़काव करें। तिलहनी फसलों राई/सरसों में माहू के प्रकोप की दशा में एजाडिरैक्टिन (नीम ऑयल) 0.15 प्रतिशत ई0सी0 2.50 लीटर प्रति हेक्टेयर की दर से 500 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें। रासायनिक नियंत्रण डाईमेथोएट 30 प्रतिशत ई0सी0 1 लीटर अथवा इमिडा क्लोप्रिड 17.8 प्रतिशत एस0 एल0 250 मिली0 प्रति हेक्टेयर की दर से 500-600 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें।उन्होंने यह भी बताया है कि जिन क्षेत्रों तापमान में भारी गिरावट हो रही है वहाँ पाले से बचाव हेतु खेत में हल्की सिचाई करें। खेतो के चारो ओर धुआँ करें एवं पौधो को बचाव हेतु पालीथीन या पुवाल से ढक कर रखें।