नई दिल्ली । केंद्र सरकार द्वारा लाई गई ‘अग्निपथ‘ योजना को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। अग्निपथ योजना के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में तीन याचिकाएं दाखिल की गई थीं। पक्षों की दलील सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले से जुड़ी सभी याचिकाओं और केरल, पंजाब और हरियाणा, पटना और उत्तराखंड के हाईकोर्ट की भी जनहित याचिकाओं को दिल्ली हाईकोर्ट में ट्रांसफर कर दिया है ।
केंद्र की अधिसूचना को रद्द करने की मांग करने वाली जनहित याचिका अधिवक्ता एमएल शर्मा ने दायर की थी, जिसमें कहा गया था कि यह योजना अवैध और असंवैधानिक है।
केंद्र ने 21 जून को सुप्रीम कोर्ट में एक कैविएट अर्जी दाखिल कर रक्षा बलों के लिए ‘अग्निपथ’ भर्ती योजना को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सरकार का पक्ष भी सुनने की मांग की थी । इसमें अपील की गई है कि उसका पक्ष सुने बिना कोई आदेश ना दिया जाए।
आपको बता दें कि एक वादी द्वारा यह सुनिश्चित करने के लिए एक कैविएट आवेदन दायर किया जाता है कि उसका पक्ष सुने बिना उसके खिलाफ कोई प्रतिकूल आदेश पारित नहीं किया जाए।