सचिन पाण्डेय
उन्नाव।हिन्दी भारत की राष्ट्र भाषा है ,राज भाषा है तथा देश के करोड़ों लोगों के ह्रदय की भाषा है ।विश्व के जिन देशों ने अपना विकास किया है उन्होंने अपनी मातृ भाषाओं के विकास के माध्यम से ही किया है ।विद्यार्थी में सोचने की क्षमता का विकास मातृ भाषा के माध्यम से होता है ।इस दृष्टिकोण से हिन्दी भाषा के विकास पर ध्यान देना वर्तमान युग की महती आवश्यकता है।
उक्त उद्गगार बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर केन्द्रीय विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग के प्रोफ़ेसर रामपाल गंगवार ने नेशनल पी जी कॉलेज के हिन्दी विभाग द्वारा आयोजित संगोष्ठी एवं हिन्दी दिवस कार्यक्रम में व्यक्त किए ।नेशनल पी जी कॉलेज के हिन्दी विभाग द्वारा आयोजित संगोष्ठी का विषय “हिन्दी में रोजगार की संभावनाएँ था ।
संगोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में अपने विचार व्यक्त करते हुए प्रोफ़ेसर गंगवार ने कहा कि हिन्दी आज प्रशासन और विज्ञान की भाषा के साथ साथ मीडिया तथा विज्ञान एवं तकनीकी की भाषा बनने की ओर अग्रसर है ।यद्यपि हिन्दी के समक्ष आज बहुत बड़ी चुनौती है हिन्दी को अपने क्षेत्र का और विस्तार करना होगा तभी वह राज कार्य और प्रशासन में अपने महत्वपूर्ण स्थान को प्राप्त करने में सक्षम होगी । संगोष्ठी के प्रारंभ में महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफ़ेसर देवेन्द्र कुमार सिंह ने मुख्य वक्ता का स्वागत करते हुए कहा कि प्रशासनिक सेवाओं में हिन्दी माध्यम के छात्र छात्राओं को बहुत चुनौती का सामना करना पड़ता है ।किन्तु विद्यार्थी परिश्रम करके हिन्दी माध्यम से सफलता अर्जित कर रहे हैं ।उन्होंने कहा कि प्राचीन भारत में मातृभाषा के माध्यम से ही कौशल का विकास चरमोत्कर्ष पर था ।
इस अवसर पर हिन्दी विभाग द्वारा आयोजित की गई वाद विवाद प्रतियोगिता के विजेता छात्र छात्राओं को स्वर्ण पदक एवं प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया ।संगोष्ठी के अन्त में हिन्दी विभाग के अध्यक्ष डॉ रामकृष्ण ने ध्यान ज्ञापन किया ।हिन्दी विभाग की शिक्षिका डॉ सीमा सिंह ने संगोष्ठी का संचालन किया ।इस अवसर पर महाविद्यालय के शिक्षक एवं छात्र छात्राएँ उपस्थित थे ।